Ram Mohan Roy: नए जमाने के हेराल्ड की जयंती पर, जानिए उनके बारे में 6 रोचक तथ्य

Ram Mohan Roy: नए जमाने के हेराल्ड की जयंती पर, जानिए उनके बारे में 6 रोचक तथ्य

Ram Mohan Roy को भारत में बाल विवाह और सती प्रथा खत्म करने के अपने प्रयासों के लिए आज भी याद किया जाता है। Ram Mohan Roy का प्रभाव राजनीति, शिक्षा, धर्म और लोक प्रशासन के मुद्दों पर हमेशा स्पष्ट रहा है। आज Ram Mohan Roy की 249 वीं जयंती पर उन्हें याद करते हुए, आइए जानते हैं उनके बारे में 6 रोचक तथ्य।

भारत में नए जमाने के हेराल्ड (Herald of New Age) के नाम से मशहूर Raja Ram Mohan Roy, अपने द्वारा किए गए सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के लिए जाने जाते हैं। Ram Mohan Roy को भारत में बाल विवाह और सती प्रथा खत्म करने के अपने प्रयासों के लिए आज भी याद किया जाता है। आज Ram Mohan Roy की 249 वीं जयंती पर उन्हें याद करते हुए, आइए जानते हैं उनके बारे में 6 रोचक तथ्य।

22 मई,1772 में बंगाल के राधानगर के हुगली जिले में जन्मे Ram Mohan Roy, Brahmo Sabha के संस्थापकों में से एक हैं, जिन्होंने Brahmo Samaj की शुरुआत की थी। उनका प्रभाव राजनीति, शिक्षा, धर्म और लोक प्रशासन के मुद्दों पर हमेशा स्पष्ट रहा है। हमेशा गलत के खिलाफ आवाज उठाने वाली इस मजबूत छवि के बारे में आइए जानते हैं कुछ रोचक बातें।

अक्बर II

क्या आप जानते हैं कि Ram Mohan Roy को 'राजा' की उपाधि मुगल सम्राट अकबर II ने दी थी, जिन्होंने उन्हें अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए इंग्लैंड भेजा था।

हिंदू धर्म

राय हमेशा से हिंदू धर्म और हिंदुओं द्वारा की जाने वाली मूर्ति पूजा के पक्के विरोधी थे और धर्म से ज्यादा वैज्ञानिक स्वभाव का समर्थन करते थे। उनके इन्हीं विचारों के लिए उन्हें कई बार आलोचना का सामना करना पड़ा था।

बहुभाषावाद

राय एक बहुभाषावादी थे, जिन्हें फारसी, संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, अरबी और बंगाली भाषा का ज्ञान था। साथ ही उन्होंने उपनिषद और वेदों का हिंदी, अंग्रेजी और बंगाली भाषा में अनुवाद किया है और उस पर कई सारांश और ग्रंथ भी लिखे हैं।

अंग्रेजी मीडियम स्कूल

कोलकाता में साल 1816 में राय ने भारत का पहला अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोला था, जो बाद में एंग्लो-हिंदू स्कूल के नाम से प्रसिद्ध हुआ था।

बंगाल पुनर्जागरण के पिता

कई इतिहासकार, Ram Mohan Roy को अक्सर 'बंगाल पुनर्जागरण के पिता' (Father of the Bengal Renaissance) के नाम से बुलाते थे और स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले ने उन्हें 'आधुनिक भारत का पिता' (Father of Modern India) कहा था।

Brahmo Samaj

साल 1828 में Ram Mohan Roy द्वारा Brahmo Samaj की शुरुआत की गई थी, जिले हमेशा से भारतीय समाज में सुधार और आधुनिकीकरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है।

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