
अरविंद सुब्रमण्यम ने भारत में वैक्सीन कीमतों को उलझा हुआ और राजनैतिक बताया।
भारत मे वैक्सीन की कीमतों पर बढ़ती हुई बहस के बीच, शनिवार को पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने अपने विचार व्यक्त किये। अरविंद सुब्रमण्यम का मानना है की राज्यों के बजाय केंद्र सरकार को वैक्सीन का खर्चा उठाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने भारत में वैक्सीन की कीमतों को उलझा हुआ और राजनैतिक बताया।
19 अप्रैल 2021 को केंद्र ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि राज्य और प्राइवेट अस्पताल, वैक्सीन निर्माताओं से सीधे वैक्सीन खरीद सकते है। यह आदेश 1 मई से लागू होगा। इसके साथ ही केंद्र के आदेशानुसार 1 मई से 18 वर्ष के ऊपर सभी व्यक्ति वैक्सीन लगवा सकते है।
इसी को लेकर अरविंद सुब्रमण्यम ने बयान जारी करते हुए कहा है कि " भारत में वैक्सीन की कीमतों को उलझाया और राजनीतिक किया जा रहा है। यह वक्त सौदेबाजी और प्राइवेट, घरेलू या विदेशी बाजार के लिए अनिश्चितता पैदा करने का नहीं है। भारत सरकार को वैक्सीन निर्माताओं को उचित दाम देकर वैक्सीन ले लेनी चाहिए।"
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इसी हफ्ते अपनी वैक्सीन की कीमतें जारी की थी। सीरम इंस्टिट्यूट अपनी वैक्सीन कोविशिल्ड, प्राइवेट अस्पतालों को प्रति डोज़ 600 रुपये में बेचेगी, तो वही यह वैक्सीन राज्य सरकारों को प्रति डोज़ 400 रुपये में मिलेगी। यह वैक्सीन केंद्र सरकार को कहीं ज़्यादा कम कीमत पर हासिल हो रही है। केंद्र सरकार इस वैक्सीन के लिए मात्र 150 रुपये प्रति डोज़ अदा करती है।
अरविंद सुब्रमण्यम का कहना है की "पूरे देश में वैक्सीन का एक ही दाम होना चाहिए। और यह दाम शून्य होना चाहिए। वैक्सीन पूरी तरह मुफ्त होनी चाहिए। दामों में यह अंतर गलत है, गैर जरूरी है और इसे लागू करना भी मुश्किल है। मुफ्त वैक्सीन लगने से वैक्सीन का राजनीतिकरण नहीं हो पाएगा।"
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