
यह दान उन्होंने संदीप नलीवाल द्वारा स्थापित इंडिया कोविड रिलीफ फंड में दिया है। दान का खुलासा होने के साथ ही सिक्कों के मूल्य में आई भारी गिरावट।
दुनिया के सबसे कम उम्र के क्रिप्टो करेंसी अरबपति, और इथेरियम (ETHEREUM) क्रिप्टो नेटवर्क के सह संस्थापक, वितालिक बुटेरिन ने भारत के कोविड-19 रिलीफ फंड के साथ-साथ देश के कई एनजीओ को भी, 1 अरब से अधिक कीमत वाले मीम सिक्कों (meme coin) का दान दिया। यह दान उन्होंने कोरोना की दूसरे लहर से जूझ रहे हमारे देश की मदद के लिए दिया है।
बुटेरिन ने जो दान दिया, उसमें डॉग थीम वाले मीम सिक्कों (meme coin) का भारी मात्रा में उपयोग किया गया है। ये सिक्के उन्हें, SHIB को बनाने वाले व्यक्तियों द्वारा उपहार स्वरूप दिया गया था। फॉर्ब्स मैगजीन की रिपोर्ट कहती है, कि उन्होंने उद्यमी संदीप नलीवाल द्वारा स्थापित ,इंडिया कोविड रिलीफ फंड में लगभग 1.2 बिलियन डॉलर मूल्य के 50 ट्रिलियन SHIB टोकन दान किए हैं।
इस दान के लिए बुटेरिन को धन्यवाद देते हुए संदीप नलीवाल ने ट्वीट किया और कहा कि उन्हें जो दान मिला है, उससे वह जिम्मेदारी पूर्वक काम करेंगे। उन्होंने SHIB के धारकों को आश्वासन दिया कि मूल्यों को और अधिक बढ़ने नहीं देंगे।
जैसे ही बुटेरिन ने अपने उदार दान का खुलासा किया, शिबा सिक्कों के मूल्य में भारी गिरावट देखने को मिली। खरीदारों और विक्रेताओं का मानना है कि युवा क्रिप्टो अरबपति बहुत जल्द अपने होल्डिंग्स को समाप्त कर देंगे।
वास्तव में जैसे ही यह दान सार्वजनिक हुआ, मीम सिक्कों (meme coin) के धारक घबराने लगे और इस करेंसी का मूल्य तेजी से नीचे गिरने लगा। इसलिए चैरिटी को वास्तव में जितना मूल्य दिया गया था, इन सिक्कों का अब उससे बहुत कम मूल्य मिलेगा।
बुटेरिन ने इसके अलावा भी कुछ एनजीओ को बिलियन की कीमत वाले क्रिप्टो करेंसी का दान किया है।
इसी बीच भारतीय सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समर्थित एक डिजिटल मुद्रा के पक्ष में, निजी डिजिटल मुद्राओं पर प्रतिबंध लगाने की सोच रही है। इसके लिए एक कानून बनाने की योजना बन रही है। डिजिटल मुद्रा विधेयक 2021 का विनियमन, इस बार बजट सत्र में पेश होने वाला था। इससे सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लग जाती और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा, एक नियामक ढांचे के साथ जारी होता। फिलहाल सरकार का इस मुद्दे पर, हितधारकों के साथ चर्चा जारी है।