
भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन ई-स्पोर्ट्स और मोबाईल गेमिंग प्लैटफॉर्म्स में से एक, मोबाईल प्रिमियर लीग (MPL) ने ऑनलाइन खेलों में हो रही फर्जी से जुड़ा एक अहम कदम उठाया है. यह आधिकारिक ऐलान कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को किया. हाल ही में जहाँ इस गेमिंग कंपनी ने अपने 100 कर्मचारियों की छंटनी (Layoffs) करते हुए सबको चौंका दिया था, वहीं अकाउंट्स को बैन करने के इस कदम को कंपनी ने भविष्य के लिए फायदेमंद बताया.
दरअसल, एमपीएल के सुरक्षा और अनुपालन उपाध्यक्ष रुचिर पटवा (Ruchir Patwa) ने अपने स्टेटमेंट में कहा, “हमारी कंपनी किसी भी तरह के फर्जी खेल और धोखाधड़ी का समर्थन बिल्कुल भी नहीं करती. खेल के नतीजों को प्रभावित करने वाले किसी भी गैर-कानूनी तरीके का इस्तेमाल, हमारी कंपनी बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करेगी. हम उम्मीद करते हैं, कि एमपीएल का लिया हुआ यह कदम बाकी यूजरों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा.” एमपीएल ने ऐसे करीब 10 लाख यूजर अकाउंट्स पर बैन लगाया है, जो नकली केवाईसी (KYC) की मदद से कई सारे अकाउंट्स बनाकर, खेल के नतीजों को प्रभावित करते थे.
क्या है एमपीएल?
मोबाईल प्रीमियर लीग की स्थापना, साल 2018 के सितंबर में साई श्रीनिवास (Sai Srinivas) और शुभ मल्होत्रा (Shubh Malhotra) ने साथ मिलकर की थी. 28 गेम डेवलपर्स के साथ शुरुआत करते हुए, एमपीएल ने करीब 70 खेलों के साथ खुद को जोड़ लिया. इस मॉडेल में आप बड़ी आसानी से कोई भी खेल ऑनलाइन खेल सकते हैं, जिससे डेवलपर्स भी बड़ी आसानी से पैसा कमा पाएंगे. एमपीएल अपने ग्राहकों को ई-स्पोर्ट्स (E-Sports), आर्केड (Arcade) और कैजुअल मोड पर अलग-अलग कंटेन्ट उपलब्ध करवाती है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि नकली यूजर अकाउंट्स को बैन करने के अलावा, एमपीएल ने एक बग बाउन्टी प्रोग्राम की भी शुरुआत की है. इस प्रोग्राम की मदद से हर खिलाड़ी के खेल के तरीके और एक्सेस पर नज़र रखा जाएगा, ताकि करीब 30 करोड़ गेमर्स में से कोई भी किसी तरह का गैर कानूनी तरीका ना अपना सके.
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