गूगल ने किया अपने एआई चैटबॉट ‘बार्ड’का ऐलान, चैटजीपीटी को देगा कड़ी टक्कर

गूगल ने किया अपने एआई चैटबॉट ‘बार्ड’का ऐलान, चैटजीपीटी को देगा कड़ी टक्कर

चैटजीपीटी (ChatGPT) को टक्कर देने के लिए गूगल (Google) ने अपनी नई एआई चैटबॉट सर्विस गूगल बार्ड (Google Bard) की घोषणा की है. यह संवाद अनुप्रयोगों के लिए गूगल के अपने भाषा मॉडल लामडा (LaMDA) का उपयोग करता है. यह बयान गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) द्वारा कंपनी की प्रगति को विस्तृत करने के कुछ दिनों बाद आया है.

क्या है बार्ड?

बार्ड, गूगल की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित एक चैटबॉट सर्विस है, जिसे लामडा टेक्नोलॉजी का उपयोग करके बनाया गया है. बार्ड को कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक्सपेरिमेंटल कन्वर्सेशनल एआई सर्विस का नाम दिया है. इसके अलावा, आने वाले हफ्तों में गूगल अपनी इस एआई सेवा को टेस्टर्स के लिए खोल देगा और उसके कुछ समय बाद यह आम जनता के लिए अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध होगा. 

यहाँ पढ़ेंः चैटजीपीटी का उपयोग कैसे करें, ओपनएआई चैटबॉट शुरू करने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड

कैसे काम करेगा?

आप अगर यह सोच रहे हैं, कि इसके लिए साइन अप कैसे करें, तो ध्यान रखें कि फिलहाल बार्ड को सार्वजनिक उपयोग के लिए जारी नहीं किया गया है. कंपनी का कहना है, कि टेस्टिंग के बाद ही इसे जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. कंपनी ने यह भी कहा है, कि वह बार्ड पर पिछले 2 साल से काम कर रहे हैं और यह परीक्षण चरण में है, जिसे बहुत जल्द जारी किया जाएगा. आपके बता दें, कि गूगल 8 फरवरी को एक एआई इवेंट का आयोजन कर रही है, जिसमें बार्ड को लेकर और अधिक जानकारी मिलेगी.

चैटजीपीटी और बार्ड में अंतर

गूगल ने अपनी इस नई एआई टेक्नोलॉजी बार्ड को चैटजीटीपी को टक्कर देने के लिए बनाया है. लेकिन इन दोनों एआई टूल में समानता के साथ-साथ बहुत अंतर भी हैं. दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल चैटजीटीपी, पहले से मौजूद डाटा के आधार पर सवालों के जवाब देता है, जबकि गूगल अपने एआई चैटबॉट को लैंग्वेज मॉडल और डायलॉग एप्लिकेशन यानी लामदा से संचालित करने वाला है. इसके कारण बार्ड, ज़्यादा सटीक जवाब दे सकता है. 

इसके साथ ही गूगल का यह भी कहना है, कि बार्ड को बड़े लैंग्वेज मॉडल की पावर, बुद्धिमत्ता और रचनात्मकता के संयोजन से लैस किया जाएगा. सिर्फ इतना ही नहीं बार्ड को ऐसे डेवलप किया जा रहा है, कि यह टूल यूज़र्स के फीडबैक और इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर ज्ञान प्राप्त कर सके. 

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