Viral News: 11 साल की बच्ची ने बनाया एआई बेस्ड ऐप, लिंक्डइन पर किया गया उसका पोस्ट हुआ वायरल

Viral News: 11 साल की बच्ची ने बनाया एआई बेस्ड ऐप, लिंक्डइन पर किया गया उसका पोस्ट हुआ वायरल

दुबई (Dubai) में रहने वाली 11 साल की भारतीय लड़की, लीना रफीक (Leena Rafeeq) ने अपनी छोटी सी उम्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बेस्ड एक ऐसा ऐप बनाकर दिखाया, जिसकी मदद से इंसान अपनी आंखों की कंडीशन तथा बीमारियों का पता लगा सकता है. उसने अपने इस बेहतरीन आविष्कार की जानकारी पूरी दुनिया को अपने लिंक्डइन (linkedin) पोस्ट की मदद से दी, जिसके बाद दुनियाभर से करोड़ों लोगों ने उसकी प्रशंसा की. साथ ही, उसका यह पोस्ट ऑनलाइन वायरल (Viral) भी हो गया. 

सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह है, कि लीना रफीद असल में हाना रफीक ( Hana Rafeeq) की बहन है, जिसने इंटरनेट को सितंबर 2022 में अपने एप डेवलपमेंट से हिला कर रख दिया था. लोगों के मुताबिक, 9 साल की उम्र में एक ऐप बनाकर हाना दुनिया की सबसे छोटी आईओएस डेवलपर (IOS Developer) बन गई थी. इतनी कम उम्र में एक ऐप डिवेलप करने की वजह से उसे खुद एप्पल (Apple) के सीईओ टीम कुक (Tim Cook) ने शाबाशी दी थी. 

ठीक अपनी बहन के नक्शे कदम पर चलते हुए, उसकी बहन लीना ने भी एक आई डिटेक्टिव ऐप का आविष्कार कर ही दिया. अगर आपको भी एप्पल के नए फोन से जुड़ी बातें जाननी है, तो यह भी पढ़ें -

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लीना के मुताबिक, उसे जितना भी कोडिंग के बारे में मालूम है, वह उसने खुद से सीखा है. लीना ने अपने इस एआई बेस्ड ऐप का नाम ओगलर आई स्कैन (Ogler eyes scan) रखा. लीना के मुताबिक, उसका यह मोबाइल ऐप आंखों को स्कैन करके उनसे जुड़ी कई तरह की बीमारी तथा कंडीशन के बारे में तुरंत बता सकता है. इस ऐप के अंदर इतनी क्षमता है, कि यह आंखों को स्कैन कर के बता सकता है कि आपको आर्कस (arcus), मेलानोमा (melanoma), प्रेरिजियम (pterygium) या कैटरेक्ट (cataract) जैसी बीमारी तो नहीं है?

अपने इस नए ऐप के बारे में लीना ने लिंकडिन पर एक बड़ा सा पोस्ट करते हुए बताया कि - इस एआई ऐप को उसने 10 साल की उम्र में बनाया है. इस ऐप में इतनी काबिलियत है, कि यह आपके आईफोन (iphone) की मदद से आंखों को सिर्फ स्कैन करके आपके आंखों से जुड़ी बीमारियों के बारे में बता सकती है. इस ऐप को बनाने में एडवांस्ड कंप्यूटर वर्जन और नए एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया गया है. ओगलर आंखों के रंग की गहराई, दूरी, आंखों की लोकेशन तथा लाइट को भी एनालाइज करने की काबिलियत रखता है.


लीना आगे भी बताती है, कि इस ऐप को बनाने में उसे 6 महीने लग गए और इसमें किसी तीसरे आदमी की भूमिका नहीं थी. उसने इस ऐप को बनाने के लिए स्विफ्टुई (SwiftUI) की मदद ली थी. इस पोस्ट के कुछ ही घंटों बाद, हजारों की तादाद में लोग इस पोस्ट के कमेंट में उसे बधाई देते हुए नजर आए.

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