
टोक्यो ओलिंपिक्स(Tokyo Olympics) में काँस्य पदक विजेता रह चुके बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) ने चोट लगने के बाद उन्हें फिजियोथेरेपिस्ट न मिलने को लेकर एक दावा किया था. वहीं, अब शुक्रवार को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (WFI) ने इस दावे का खंडन किया है. आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है?
गौरतलब है, कि बीते वर्ष 2021 में टोक्यो ओलिंपिक्स से कुछ महीनों पहले, बजरंग पुनिया को प्रैक्टिस के दौरान चोट आई थी. बजरंग पुनिया का दावा है, कि चोट लगने के बाद, माथापच्ची के बावजूद, उन्हें कोई अच्छा फिजियोथेरेपिस्ट नहीं मिला. जिस कारण, वे खुद ही अपना ख़्याल रखते हुए स्वस्थ हो पाये थे. इसके साथ ही, न तो ट्रेनिंग और न ही प्रतियोगिता के लिए, उन्हें कोई फिजियोथेरेपिस्ट उपलब्ध कराया गया था. WFI ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है.
WFI ने बजरंग पुनिया के दावे के उत्तर में क्या कहा?
आपको बता दें, कि WFI का कहना है, "ओलिंपिक्स के बाद, बजरंग पुनिया ने 22 नवंबर 2021 को ईमेल करके व्यक्तिगत फिजियोथेरेपिस्ट - डॉ आनंद कुमार की सहायता के लिए अनुरोध किया था. आनंद कुमार वर्तमान में भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं. WFI ने बजरंग पुनिया की मांग के अनुसार, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (SAI) के शीर्षों को प्रस्ताव भेजा था, जिसे स्वीकार किया गया था. इसी के साथ, WFI और SAI ने एक पत्र के जरिए रेलवे बोर्ड से, बजरंग पुनिया को डॉ. आनंद कुमार की आवश्यकता है, यह बात जाहिर की थी."
गौरतलब है, कि WFI ने यह भी कहा, कि, "डॉ. आनंद कुमार को विभाग द्वारा छुट्टी नहीं मिली थी, जिस कारण WFI ने SAI से स्वीकृति के बाद दूसरे 2 फिजियोथेरेपिस्टों को बुलाया. हालांकि, बजरंग पुनिया ने उन दोनों ही फिजियोथेरेपिस्टों की सेवा लेने से इंकार कर दिया था." इसी के साथ, WFI ने बताया, कि टोक्यो ओलिंपिक्स से पहले और बाद में भी बजरंग पुनिया का पूरा सहयोग किया गया था.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि बयानबाज़ी के साथ ही WFI ने बजरंग पुनिया के फिजियोथेरेपिस्ट उपलब्ध न कराए जाने वाले बयान का खंडन किया है, और बताया है कि उनकी पूरी तरह सहायता की गयी थी.