भारतीय बॉक्सर निखत ज़रीन बनी वर्ल्ड चैंपियन, गोल्ड मेडल जीतकर रचा इतिहास

भारतीय बॉक्सर निखत ज़रीन बनी वर्ल्ड चैंपियन, गोल्ड मेडल जीतकर रचा इतिहास

भारतीय महिला बॉक्सर निखत ज़रीन (Nikhat Zareen) ने गुरुवार को इतिहास रच दिया. उन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप (World Boxing Championship) में गोल्ड मेडल जीतकर, पूरे देश का नाम रौशन किया है. 52 किलोग्राम कैटेगरी में निखत ने, थाईलैंड की जिटपॉन्ग जुटामस (Jitpong Jutamas) को 5-0 से करारी शिकस्त दी.

25 वर्षीय निखत ज़रीन, 5वीं ऐसी भारतीय महिला बॉक्सर हैं, जिन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. उनके अलावा, बॉक्सिंग लेजेंड मैरी कॉम (Mary Kom) ने इस चैंपियनशिप में, 6 बार गोल्ड जीतकर रिकॉर्ड बनाया है. इस चैंपियनशिप में मैरीकॉम और निखत के अलावा सरिता देवी (Sarita Devi), जेनी आर.एल. (Jenny R.L.) और लेखा के.सी. (Lekha K. C.) गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी हैं.

मैरीकॉम और निखत ज़रीन के बीच हो चुका है मुकाबला

साल 2019 में निखत ज़रीन चर्चा का विषय बनी थी, जब भारतीय बॉक्सिंग फेडरेशन (Boxing Federation of India) ने मैरीकॉम को टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में बगैर ट्रायल किए, 51 किलोग्राम कैटेगरी के लिए सेलेक्ट किया था. तब उस वक्त के चेयरमैन राजेश भंडारी ने कहा था, कि निखत को भविष्य के लिए बचा कर रख रहे हैं.

ऐसे में निखत ने इसके खिलाफ आवाज़ उठाते हुए, खेल मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) को पत्र लिखा था. इस पूरे विवाद के बाद, मैरीकॉम का ट्रायल हुआ था और उनका मुकाबला निखत से कराया गया, जिसमें मैरीकॉम ने जीत दर्ज की थी.

आपको बता दें, कि जब निखत ने टोक्यो ओलंपिक के लिए ट्रायल की मांग की थी, तब मैरीकॉम ने प्रेस के सामने पूछा था, कि “निखत ज़रीन कौन है?” अब वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने के बाद, ज़रीन ने उन्हें जवाब देते हुए कहा है, कि निखत वर्ल्ड चैम्पियन है. मेडल जीतने के बाद निखत ने प्रेस से पूछा, “क्या मेरा नाम ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है?”

निखत ज़रीन का जन्म 14 जून, 1996 को तेलंगाना के निज़ामाबाद में हुआ था. उनके पिता का नाम, मुहम्मद जमील अहमद और माता का नाम परवीन सुल्ताना हैं. निखत ने महज़ 13 साल की उम्र से ही बॉक्सिंग शुरु कर दी थी.

माता-पिता ने किया निखत के सपने का समर्थन

बॉक्सिंग के खेल में लड़कियों को शॉर्ट्स और ट्रेनिंग शर्ट पहनने की आवश्यकता होती है, जो निखत के पिता जमील के परिवार के लिए आसान नहीं था. उनके पिता जमील ने कहा, कि “जब निखत ने हमें बॉक्सर बनने की अपनी इच्छा के बारे में बताया, तो हमारे मन में इसे लेकर कोई झिझक नहीं थी. मगर कभी-कभी, रिश्तेदार और दोस्त हमें बताते थे, कि एक लड़की को ऐसा खेल नहीं खेलना चाहिए, जिसमें उसे शॉर्ट्स पहनने पड़े. मगर हम जानते थे, कि निखत जो चाहेगी, हम उसके सपने का समर्थन करेंगे.”

अपनी जीत के बाद, निखत ने अपने माता-पिता की भी जमकर तारीफ की. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "यह फ़तह मेरे मां बाप के नाम है, क्योंकि जब मेरे साथ कोई नहीं खड़ा था, तो मेरे मां बाप ने मुझे सपोर्ट किया था." अपनी मां का ज़िक्र करते हुए निखत ने बताया, कि “मैं जब भी अपनी मां को फोन करती थी, तो वो नमाज़ पढ़ रही होती थीं और मेरी जीत के लिए दुआ मांगती थीं.”

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