22 फरवरी को बिहार का दौरे करेंगे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

22 फरवरी को बिहार का दौरे करेंगे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती समारोह (Swami Sahajanand Saraswati Jayanti) में हिस्सा लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) रविवार को बिहार आएंगे. पटना के बापू सभागार में होने वाले इस समारोह को किसान-मजदूर समागम (Kisan Mazdoor Samagam) के नाम से जाना जाता है, जहां बड़ी संख्या में राज्य के किसान गृह मंत्री का स्वागत करेंगे.

किसान मजदूर समागम के संयोजक और बिहार से राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर (Vivek Thakur) ने पुष्टि की, कि “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 22 फरवरी को बिहार आ रहे हैं और वह बापू सभागार में स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती समारोह में भाग लेंगे, जहां केंद्रीय गृह मंत्री राज्य भर से आए किसानों को संबोधित करेंगे.”

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद विवेक ठाकुर ने कहा, “स्वामी सहजानंद सरस्वती भारत के सबसे बड़े किसान नेता थे, जिन्हें वह उचित स्थान नहीं दिया गया, जो इतिहास में उन्हें मिलना चाहिए था. उनकी जयंती के अवसर पर हमारे माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार और देश के किसानों को संदेश देंगे, कि मोदी सरकार किसानों के लिए असली कामगार है और जहां भी अन्याय होगा, केंद्र किसानों के साथ मज़बूती से खड़ा है.”

आपको बता दें, कि स्वामी सहजानंद सरस्वती का जन्म 1889 में पूर्वी प्रांत के ग़ाज़ीपुर ज़िले के दुल्लापुर के पास देवा गांव में हुआ था, लेकिन उनकी 'कर्मभूमि' पटना ज़िले में बिहटा थी. गौरतलब है, कि सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) भी कांग्रेस (Congress) के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद, स्वतंत्रता आंदोलन में उनका समर्थन मांगने के लिए स्वामी जी से मिलने बिहटा आए थे.

बिहार में किसान सभा आंदोलन स्वामी सहजानंद सरस्वती के नेतृत्व में ही शुरू हुआ था, जिन्होंने 1929 में बिहार प्रांतीय किसान सभा (BPKC) का गठन जमींदारी व्यवस्था के खिलाफ छोटे किसानों को लामबंद करने और भारत में किसान आंदोलनों को तेज़ करने के लिए किया था. 

सरस्वती ने 1937 से 1938 तक बिहार में बकाश्त आंदोलन का आयोजन किया. "बकाश्त" का अर्थ है स्वयं की खेती. यह आंदोलन ज़मींदारों द्वारा बकाश्त भूमि से काश्तकारों की बेदखली के खिलाफ था और बिहार काश्तकारी अधिनियम और बकाश्त भूमि को पारित करने के लिए प्रेरित किया गया था.

उन्होंने बिहटा के डालमिया चीनी मिल में सफल संघर्ष का नेतृत्व भी किया था, जहाँ किसान-मजदूर एकता सबसे महत्वपूर्ण विशेषता थी. बिहार भाजपा के सूत्रों ने बताया है, कि अमित शाह की राज्य की यात्रा के दौरान भाजपा कुछ अन्य कार्यक्रम आयोजित करने की योजना भी बना रही है.

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