
शिवसेना (Shiv Sena) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाले गुट ने आज सोमवार 20 फरवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) यानी ईसीआई (ECI) द्वारा पार्टी का नाम 'शिवसेना' और उसका चुनाव चिह्न 'धनुष और तीर' मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को आवंटित करने के फैसले को चुनौती दी है.
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने आज भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India D Y Chandrachud) के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया, जिन्होंने उनसे कल मंगलवार को मामले का उल्लेख करने को कहा है.
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आपको बता दें, कि शीर्ष अदालत की एक संविधान पीठ वर्तमान में शिवसेना से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रही है. वहीं, ईसीआई ने हाल ही में यह फैसला किया है कि शिंदे के नेतृत्व वाला शिवसेना गुट, ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट के विपरीत असली शिवसेना है. इसके साथ ही, यह भी कहा कि पार्टी का 'धनुष और तीर' चिन्ह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खेमे द्वारा बरकरार रखा जाएगा.
चुनाव आयोग ने यह भी आदेश दिया, कि अंतरिम उपाय के रूप में पिछले साल शिंदे खेमे को जो नाम और प्रतीक आवंटित किया गया था, जो क्रमशः बालासाहेबंची शिवसेना और 'दो तलवारें और एक ढाल' थे उन्हें फ्रीज कर दिया जाएगा और अब उनका उपयोग नहीं किया जा सकता.
इस बीच चुनाव आयोग और शिंदे पर बरसते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था, “उन्होंने (शिंदे गुट ने) हमारे धनुष और तीर चिन्ह को चुरा लिया है, लेकिन लोग इस चोरी का बदला लेंगे.” इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अगुवाई वाली सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए, ठाकरे ने चुनाव आयोग पर गुलाम की तरह काम करने का आरोप भी लगाया.
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