केरल के वायनाड से कांग्रेस (Congress) सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के मोदी (Modi) पर दिए गए बयान पर "चाहे नीरव मोदी (Nirav Modi) हो, ललित मोदी (Lalit Modi) हो या नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) हों, सारे चोरों के नाम में मोदी क्यों जुड़ा हुआ है." सूरत की निचली अदालत ने दो साल की सजा सुनाई है.
यह मामला 2019 का है, जब क्षेत्र से एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गाँधी ने दिया था. नियम के तहत दो या दो साल से ज्यादा की सजा होने पर संसद या विधानसभा की सदस्यता चली जाती है.
हालांकि राहुल गांधी को तुरंत जमानत मिल गई. कोर्ट ने 30 दिन का समय दिया और उन्हें ऊपरी अदालत में जाने का मौका दिया. यह शिकायत गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी (Purnesh Modi) ने दर्ज कराई थी.
फैसला सुनाने के बाद जब जज ने राहुल गाँधी से उनकी राय पूछी, तब उन्होंने कहा नेता के नाते उन्होंने अपना काम किया है, और माफ़ी मांगने से इंकार कर दिया.
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राहुल गांधी अब हाई कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ अपील करेंगे, लेकिन उनकी किसी भी कारावास या संसद से अयोग्यता की सज़ा कांग्रेस पार्टी के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक झटका होगा, जिसका फायदा सीधे-सीधे भाजपा (BJP) को होगा.
सुशील कुमार मोदी (Shushil Kumar Modi) ने राहुल गांधी के लिए सजा की मांग की थी. उन्होंने कोर्ट के फैसले से कुछ देर पहले ही कहा था, "राहुल गांधी ने चुनाव से पहले सारे मोदी चोर हैं" का बयान दिया था, इस बयान के बाद से मोदी सरनेम रखने वाले कई लोगों ने उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया. सूरत जिला अदालत के साथ ही बाकी अदालतों में भी उन्हें ऐसे ही सजा सुनाई जानी चाहिए।
बहरहाल, लंदन में दिए बयानों को लेकर भी राहुल गांधी घिरे हुए हैं. उनसे माफी मांगे जाने की मांग को लेकर संसद का कामकाज ठप है. सूरत कोर्ट से सजा का ऐलान उनकी मुश्किलों में इजाफा ही करेगा.
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