
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) द्वारा, नादिया की 9वीं कक्षा की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद मौत के मामले पर दिए गए बयान को लेकर राजनीति गरमा गई है. विपक्ष उनके इन बयानों को लेकर जमकर खरी खोटी सुना रहा है. वहीं इस बीच अब महिला आयोग की प्रमुख ने भी उनके बयानों पर नाराज़गी जताई है.
महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा (Rekha Sharma) ने कहा, कि "नादिया दुष्कर्म के मामले में ममता बनर्जी की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है. एक महिला होने के नाते, उन्हें दूसरी महिला की पीड़ा को समझना चाहिए. लेकिन उन्होंने पीड़िता पर उंगली उठाई, यह गलत था. वह दोषियों को सख्त सज़ा के निर्देश देने के बजाए, पीड़िता और पूरे मामले को लेकर ही सवाल खड़े कर रहीं हैं."
दरअसल, नादिया की छात्रा के साथ इस तरह के कुकर्म की घटना के 5 दिन बाद 10 अप्रैल को, परिवार वालों ने एक शिकायत दर्ज करवाई. इसमें उन्होंने कक्षा 9वीं की छात्रा के साथ, 5 अप्रैल को आरोपी के घर जन्मदिन की पार्टी में सामूहिक दुष्कर्म होने का खुलासा किया. इसके साथ ही उन्होंने लिखा, कि जब पीड़िता घर पहुंची, तो तेज़ी से खून भी बह रहा था और 5 अप्रैल की रात को ही उसकी मौत हो गई.
पीड़ित परिवार की इसी शिकायत को लेकर ममता बनर्जी ने एक कार्यक्रम में कुछ उटपटांग बयान दिया है. उन्होंने पीड़ित परिवार पर ही सवाल उठाते हुए कहा, कि "मैंने पुलिस प्रशासन को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं. लेकिन परिवार वालों ने, तो उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया है. मैं एक आम नागरिक की तरह पूछती हूं, कि अब पुलिस सबूत कैसे जुटाएगी, कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ या वह गर्भवती थी. या फिर किसी और कारण से उसकी मौत हुई हो, जैसे कि उसे किसी ने थप्पड़ मारा और वह बीमार पड़ गई हो?"
आपको बता दें, कि ममता बनर्जी के इस बयान के बाद से उन्हें विपक्ष की तीखी प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने भी इस घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति बनाई है. यह समिति पीड़ित परिवार से मिलकर और जांच पड़ताल करके, जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष को सौंपेगी.