
रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच चल रही जंग को, अब 1 महीने से भी ज़्यादा का समय हो गया है. 20 फरवरी को शुरू हुई इस जंग से, रूस और यूक्रेन में से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं. वहीं आये दिन इस जंग को लेकर, नई और चौंकाने वाली खबरें सामने आती रहती हैं. इसी बीच, अब एक सर्वे ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को लेकर, एक चौंकाना वाला खुलासा किया.
दरअसल, एक संस्था द्वारा किए गए सर्वे में यह पता चला है, कि यूक्रेन पर सैन्य कार्यवाही के बाद व्लादिमीर पुतिन की लोकप्रियता पहले से कहीं ज़्यादा बढ़ गई है. जानकारी के मुताबिक़, इस सर्वे में 83 फीसदी लोगों ने व्लादिमीर पुतिन का समर्थन किया. वहीं फरवरी की शुरुआत में यह आंकड़ा 71 फीसदी से भी अधिक था. जहां एक ओर, पूरी दुनिया पुतिन द्वारा यूक्रेन पर हमले की निंदा कर रही है, वहीं इस सर्वे के चौंकाने वाले आकड़ों ने सबको हैरान किया है.
रूस और यूक्रेन के बीच की जंग थमने की बजाय, अब और ज़्यादा बढ़ रही है. दरअसल, इस जंग की शुरुआत के बाद से पहली बार, यूक्रेन भी रूस पर हमला करने की तैयारी कर रहा है. रूस ने अब यह आरोप लगाया है, कि यूक्रेन ने 2 हेलीकॉप्टरों से रूस के बेलगोरोड शहर में स्थित, एक तेल के डिपो पर एयर स्ट्राइक की है.
इसके बाद, अब यह आशंका भी जताई जा रही है, कि रूस इस हमले को आधार बनाकर, यूक्रेन पर कोई बड़ी कार्यवाही कर सकता है.
रूस की बढ़ती मनमानी को देखते हुए, दुनिया के कई देशों और संगठनों ने उस पर आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंध लगाए हैं. हालांकि, इन प्रतिबंधों का रूस पर कोई खास असर नहीं दिख रहा है. दूसरी ओर, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका खासा असर पड़ा है. वहीं दुनियाभर के कई विशेषज्ञों ने यह चेतावनी दी है, कि रूस और यूक्रेन की इस जंग से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर से, दुनिया का कोई भी क्षेत्र नहीं बच पाएगा.
जानकारी के मुताबिक़, इस जंग के चलते यूरोप में भारी मंदी के संकेत दिखाई दे रहे हैं. वहीं एशिया के भी कई देशों में भी इसका असर साफ़ दिखाई दे रहा है, जहां भारत में पेट्रोल और डीज़ल के दामों में ज़बरदस्त उछाल आया है.
रूस और यूक्रेन की जंग के बीच, दुनिया की निगाहें अब भारत पर टिकी हुई हैं. दरअसल, इस विवाद की शुरुआत से ही भारत ने किसी भी देश का पक्ष नहीं लिया. वहीं इसी बीच, भारत दौरे पर आए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergei Lavrov) ने शुक्रवार को एक बड़ा बयान दिया था. लावरोव ने कहा था, कि यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे जंग को खत्म करने के लिए, भारत मीडिएटर की भूमिका निभा सकता है. वहीं हाल ही में, रूस और यूक्रेन के बीच हुई शांति वार्ता का भी कोई हल नहीं निकला है.
अमेरिका की चेतावनी को भी, इसका एक बड़ा कारण माना जा रहा है. दरअसल, रूसी विदेश मंत्री के दौरे से पहले, अमेरिका ने इशारों ही इशारों में रूस से किसी भी प्रकार की डील को लेकर भारत को चेतावनी दी थी. मगर इसके बावजूद, भारत ने रूस के साथ व्यापारिक संबध स्थापित किए. इसी के चलते, अब दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हैं.