
ओडिशा (Odisha) के जाजपुर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक पिता ने उसके नवजात बच्चे और उसकी मां दोनों को छोड़ दिया. मिली जानकारी के मुताबिक़, पिता ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि नवजात के जननांग से लेकर अस्पष्टता थी. गौरतलब है, कि नवजात शिशु जननांग से संबंधित हर्माफ्रोडाइट बीमारी से पीड़ित बताया जा रहा है.
वहीं, पति के इस फैसले के बाद महिला ने भी यह निर्णय लिया, कि वह अपने दम पर बच्चे का पालन पोषण करेंगी. आपको बता दें, कि यह मामला ओडिशा में जाजपुर जिले के हरिपुर गांव का बताया जा रहा है. जहां स्नेहलता बराल नाम की महिला की शादी तपन कुमार के साथ साल 2021 में हुई थी. महिला ने 14 अप्रैल 2022 को जाजपुर शहर के एक निजी नर्सिंग होम में अपने पहले बच्चे को जन्म दिया था.
मगर बच्चे के जन्म के बाद अस्पताल ने परिवार को सूचित किया, कि नवजात के जननांग में अस्पष्टता है. ऐसे में महिला के पति और परिवार वालो ने नवजात को अनाथ आश्रम छोड़ने का फैसला कर लिया. मगर नवजात की मां ने परिवार के इस फैसले का विरोध किया और स्वयं बच्चा पालने का निर्णय लिया. महिला के अडिग फैसले को देखकर उसके पति और महिला दोनों को अस्पताल में ही छोड़ दिया.
आपको बता दें, कि इसके बाद महिला को रविवार को जाजपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों ने बताया, कि "नवजात शिशु हर्माफ्रोडाइट नामक बीमारी से पीड़ित है. इस तरह के मामले इंसानों में बेहद ही दुर्लभ स्थिति में ही देखने को मिलते हैं." उधर जाजपुर जिला कलेक्टर चक्रवर्ती सिंह राठौर को इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने कहा, कि "अधिकारियों से महिला के पति और उनके परिवार से विचार विमर्श कर उन्हे समझाने को कहा गया है. हम सरकारी प्रावधानों के अनुसार महिला को हर प्रकार की मदद उपलब्ध कराएंगे."
इतना ही नहीं मामला बाहर आने के बाद स्थानीय ट्रांसजेंडर एसोसिएशन की अध्यक्ष, काजल ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. इसके साथ ही, महिला के परिवार से बच्चे और उसकी मां को अपनाने की अपील की गई है.