
पाकिस्तान में सियासी घमासान, अब अपने चरम पर पहुंच गया है. शनिवार रात पाकिस्तान की विधानसभा (National Assembly of Pakistan) में हुई अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग में, प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) हार गए. इसके चलते अब उन्हें अपना पद छोड़ना होगा और उनकी जगह, विपक्ष के नेता शाहबाज़ शरीफ़ (Shehbaz Sharif) प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे.
पाकिस्तान में कई महीनों से चले आ रहे इस सियासी घमासान में इमरान खान को करारा झटका लगा है. अपने आपको आखिरी गेंद तक खेलने वाला खिलाड़ी कहने वाले इमरान, बीच में ही आउट हो गए. वहीं यह खबर भी आ रही है, कि आज शाहबाज़ शरीफ़ प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ सकते हैं. अपने 4 साल के कार्यकाल में इमरान खान ने शाहबाज़ पर कई बार निशाना साधा है.
दोनों के बीच आए दिन ज़ुबानी जंग देखी जाती थी. यही नहीं, इमरान ने कई बार विपक्ष और शाहबाज़ को चोर, डाकू, लुटेरा तक कहा है. मगर अब गेंद शाहबाज़ के हाथों में है, ऐसे में अब दोनों के बीच कैसा राजनीतिक रिश्ता रहेगा, यह देखना वाकई दिलचस्प होगा. तो आइए सबसे पहले जानते हैं, कि कौन है पाकिस्तान के होने वाले नए प्रधानमंत्री?
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद के मुख्य दावेदार शाहबाज़ शरीफ़, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (PML-N) के अध्यक्ष और सांसद हैं. इसके अलावा, वह पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ (Nawaz Sharif) के छोटे भाई भी हैं. इमरान खान की सरकार से वह विधानसभा के सदस्य और विपक्ष के नेता भी हैं. इतना ही नहीं, शाहबाज़ पाकिस्तान की राजनीति के काफ़ी अनुभवी नेता माने जाते हैं. विपक्ष के नेता से पहले, वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के 3 बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
23 सितंबर, 1951 को लाहौर में जन्में शाहबाज़ ने, 80 के दशक में राजनीत में प्रवेश किया था. साल 1988 में उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता, जिसके बाद साल 1997 में वह पहली बार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए. मगर साल 1999 में हुए सेना के तख्तापलट के कारण, उन्हें पाकिस्तान छोड़कर दुबई जाना पड़ा था.
इसके बाद, साल 2007 में वह फिर से पाकिस्तान लौटे और साल 2008 में दोबारा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री बने. वहीं साल 2013 में हुए चुनावों में एक बार फिर उन्होंने, पाकिस्तान के पंजाब के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली. राजनीति के अलावा ऐसा कहा जाता है, कि शाहबाज़ शरीफ ने 5 शादियां की हैं, जिसमें से कई शादियों को गुप्त रखा गया है.
पाकिस्तान में बनने जा रही नई सरकार का असर, भारत पर भी दिखाई देने वाला है. उसका कारण यह है, कि पाकिस्तान एक ऐसा पड़ोसी देश है, जो शांति की बात तो करता है, लेकिन शांति बनाने की कोशिश नहीं करता. भारत का स्पष्ट कहना है, कि जब तक आतंकवाद पर बात नहीं होगी, तब तक कश्मीर के मुद्दे पर भी कोई बात नहीं होगी.
दूसरी ओर, पाकिस्तान के होने वाले प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़, अभी से कश्मीर का मुद्दा उठाने लगे हैं. रविवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था, कि "हम भारत के साथ शांति चाहते हैं, लेकिन कश्मीर के मुद्दे का समाधान संभव नहीं." इससे यह साफ़ ज़ाहिर होता है, कि कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री का रुख भारत-पाक के रिश्ते में तनाव पैदा कर सकता है.