नवजोत सिंह सिद्धू को हुई एक साल की जेल, 34 साल पुराने रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला

नवजोत सिंह सिद्धू को हुई एक साल की जेल, 34 साल पुराने रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला

नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को 34 साल पुराने रोड रेज (Road Rage Case) मामले में बड़ा झटका लगा है. आज गुरुवार, 19 मई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि यह रोड रेज का मामला साल 1988 का है. नवजोत सिंह सिद्धू को पहले इस मामले में राहत मिल गई थी. लेकिन रोड रेज में जिस शख्स की मौत हुई थी, उसके परिवार ने रिव्यू पिटीशन दायर की थी. अब उसपर सुनवाई करते हुए सिद्धू को एक साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में सिद्धू को मात्र एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी, जिसके बाद पीड़ित के परिवार वालों ने इस पर पुनर्विचार याचिका दायर की थी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई 2018 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को दरकिनार कर दिया था, जिसमें रोडरेज के मामले में सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई थी.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के तहत, 65 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक को जानबूझकर चोट पहुँचाने के चलते सिद्धू को दोषी माना था. लेकिन, उन्हें जेल की सजा नहीं दी गयी थी और 1000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के तहत, इस अपराध के लिए अधिकतम एक साल जेल की सजा या 1000 रुपये जुर्माने या दोनों का प्रावधान है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि नवजोत सिंह सिद्धू को अब या तो गिरफ्तार किया जाएगा, या वह खुद को सरेंडर करेंगे. वहीं, पंजाब पुलिस (Punjab Police) को इस मामले में कानून का पालन करना होगा. खबरों के अनुसार, सिद्धू को सजा काटने के लिए पटियाला जेल भेजा जा सकता है. जिस वक्त इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और सजा सुनाई जा रही थी, उस समय सिद्धू महंगाई के मुद्दे पर पटियाला में केंद्र सरकार के खिलाफ हाथी पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे थे.

नवजोत सिद्धू ने दी प्रतिक्रिया

आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद, इस मामले में नवजोत सिद्धू की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है. सिद्धू ने ट्वीट करते हुए कहा, कि उन्हें यह फैसला मंजूर है. इस वक्त सिद्धू पटियाला में हैं, जहां वह लीगल टीम से आगे के कदम के लिए चर्चा कर सकते हैं.

34 साल पुराना है यह मामला

यह मामला दिसंबर 1988 का है जब सिद्धू पटियाला में, कार से जाते समय बुजुर्ग गुरनाम सिंह से भिड़ गए थे और गुस्से में सिद्धू ने उन्हें मुक्का मारा जिसके बाद गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी. उस समय पटियाला पुलिस ने सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था. लेकिन, निचली अदालत ने साल 1999 में सिद्धू को बरी कर दिया था. वहीं, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने 2006 में सिद्धू को इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी. सिद्धू तब भाजपा के अमृतसर से सांसद थे. सजा के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और बाद में सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले का चुनौती दी थी.

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