
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के खिलाफ मामले में दखल देने से इनकार कर दिया. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने कहा, “यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के बारे में है. विनोद दुआ का मामला बहुत अलग था, यह भ्रष्टाचार का मामला है. उच्च न्यायालय जाये.” मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा, "हमारे दरवाजे खुले हैं, लेकिन हम इस मामले के लिए तैयार नहीं हैं. यह एक बहुत बुरी मिसाल होगी."
आपको बता दें, कि उपमुख्यमंत्री ने आज मंगलवार 28 फरवरी 2023 को शराब नीति मामले में ज़मानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. वहीं, अदालत ने शुरू में ही देख लिया था कि गिरफ्तार नेता के पास ज़मानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने और प्राथमिकी रद्द करने की मांग करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता के तहत उपाय मौजूद है.
गौरतलब है, कि सिसोदिया के वकील अभिषेक सिंघवी ने विनोद दुआ मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया था. इस पर न्यायाधीश ने कहा, कि वह इस मामले की सुनवाई आज शाम को ही करेंगे.
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मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने रविवार 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था और कल सोमवार को अदालत में पेश किया. इसके बाद, उन्हें 5 दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया था. आपको बता दें, कि आप नेता को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 477 ए (धोखाधड़ी करने का इरादा) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत गिरफ्तार किया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय जांच एजेंसी ने उन्हें राष्ट्रीय राजधानी के लिए नई आबकारी नीति तैयार करने और लागू करने में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के सिलसिले में रविवार को तलब किया था. अधिकारियों ने कहा, कि आम आदमी पार्टी के नेता को आठ घंटे से अधिक पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया, इस दौरान उनके जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए.
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