मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन का दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा, अब ये 2 मंत्री सँभालेंगे पद

मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन का दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा, अब ये 2 मंत्री सँभालेंगे पद

2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति (Delhi Liquor Scam) के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया. उनके साथ कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 9 महीने से जेल में बंद आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) ने भी अपना इस्तीफ़ा दिल्ली कैबिनेट को सौंप दिया.

इसकी जानकारी देते हुए दिल्ली सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया, कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दोनों मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. 2 मंत्रियों के बाहर होने से अब दिल्ली कैबिनेट की ताकत पांच हो गई है. दिल्ली सरकार के प्रवक्ता ने कहा, कि मुख्यमंत्री का इस स्तर पर नए मंत्रियों को शामिल करने का कोई इरादा नहीं था. 

https://twitter.com/AamAadmiParty/status/1630576620443668480?s=20 

इस बीच अब मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) को वित्त, योजना, लोक निर्माण, बिजली, गृह, शहरी विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण और जल विभाग दिए गए हैं. जबकि राज कुमार आनंद (Raaj Kumar Anand) को शिक्षा, भूमि और भवन, सतर्कता, सेवा, पर्यटन, कला संस्कृति और भाषा, श्रम, रोज़गार, स्वास्थ्य और उद्योग विभाग दिए गए हैं.

यहाँ पढ़ेंः मुश्किल में फँसे मनीष सिसोदिया, सुप्रीम कोर्ट ने किया ज़मानत देने से इनकार


ग़ौरतलब है, कि मनीष सिसोदिया का यह इस्तीफ़ा सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली आबकारी नीति मामलें में हस्तक्षेप और उन्हें जमानत पर रिहा करने के अनुरोध को अस्वीकार करने के बाद आया है. आपको बता दें, कि इस्तीफ़ा देने से पहले तक मनीष सिसोदिया शिक्षा, वित्त, योजना, स्वास्थ्य, बिजली, शहरी विकास और लोक निर्माण विभाग जैसे 33 विभागों में से 18 को सँभाल रहे थे. वहीं, सत्येंद्र जैन के पास स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, शहरी विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण और जल जैसे 7 विभाग थे.

दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई ने मनीष सिसोदिया पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. शराब की खुदरा बिक्री से सरकार के बाहर निकलने और निजी कंपनियों को लाइसेंस के लिए बोली लगाने की अनुमति देने के लिए आबकारी नीति को वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिल्ली में शुरू किया गया था. वहीं, आप और दिल्ली सरकार द्वारा सभी आरोपों को खारिज कर दिया गया है. दिल्ली सरकार द्वारा यह कहा जा रहा है, कि यह भाजपा-नियंत्रित केंद्र सरकार द्वारा अपने प्रतिद्वंद्वी को निशाना बनाने की ‘गंदी राजनीति’ है.

Image Source

यह भी पढ़ेंः मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को अरविंद केजरीवाल ने बताया गंदी राजनीति

Related Stories

No stories found.
logo
हिंदुस्तान रीड्स
www.hindustanreads.com