
मध्यप्रदेश के खरगोन हिंसा (Khargone Violence) में शामिल लोगों के घरों पर बुल्डोज़र चलने के बाद, अब गुजरात (Gujarat) में भी बुल्डोज़र कार्यवाही देखने को मिली है. दरअसल, गुजरात के खंभात (Khambhat) में रामनवमी के दिन सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. इस मामले में कार्यवाही करते हुए पुलिस प्रशासन ने शुक्रवार को कई दुकानों पर बुलडोज़र चला दिया.
मिली जानकारी के मुताबिक, जिन दुकानों पर बुल्डोज़र चलाया गया है, ऐसा माना जा रहा है, कि ये वहीं दुकानें हैं जहां से रामनवमी की शोभायात्रा पर पथराव किया गया था. पुलिस प्रशासन ने कहा, कि उन्हें सबूत मिले हैं, कि इन दुकानों में पत्थर को लाकर छुपाया गया था. जिस पर कार्यवाही करते हुए कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच, तहसील के कर्मचारियों ने यहां बनी अवैध दुकानों को बुलडोज़र से गिरा दिया है.
पुलिस का मानना है, कि गुजरात के खंभात में रामनवमी के दिन हुई हिंसा की योजना पहले से बनाई गई थी. हिंसा के बाद इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 3 मौलाना इस साज़िश के मुख्य आरोपी है. पुलिस ने बताया, कि एक मौलवी मुस्तकीम और उसके 2 साथी मतीन और मोहसिन इस साज़िश के बड़े किरदार है. वहीं रजाक अयूब, हुसैन हाशमशा दीवान भी इसमें शामिल थे.
इसके अलावा पुलिस ने दावा किया है, कि खंभात हिंसा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए विदेश में साजिश रची गई थी. आणंद जिले के पुलिस अधीक्षक अजीत राजियां ने कहा, कि “हिंसा को अंजाम देने के लिए खंभात में एक दिन पहले ही कुछ लोगों को बाहर से बुलाया गया था. ये लोग घातक चीजें लेकर आए थे, साथ ही इस हिंसा के लिए पैसे भी इकट्ठा किए गए थे.
आपको बता दें, कि मध्य-प्रदेश के खरगोन में भी रामनवमी के दिन सांप्रदायिक तनाव पहला था. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने दंगाइयों पर सख़्त कारवाई करने का आदेश दिया था. इस कारण, इस पर पुलिस प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए खरगोन हिंसा में शामिल कई लोगों के घरों को बुल्डोज़र से गिरा दिया था.