
त्रिपुरा (Tripura) में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) का चुनाव प्रचार ज़ोरों शोरों से शुरू हो चुका है. इसी बीच, राज्य में
एक रैली को संबोधित करते हुए, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा (JP Nadda) ने मतदाताओं से शांति और "लाल आतंक" के बीच चयन करने के लिए कहा है. नड्डा ने लोगों को उन हिंसक दिनों की याद दिलाई जब वामपंथी दलों ने साल 1993 से लगातार 25 वर्षों तक राज्य पर शासन किया था.
भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने त्रिपुरा में रैली को संबोधित करते हुए कहा, “जब हम चुनाव में जाते हैं, तो दो तस्वीरें हमारे सामने आती हैं. 5 साल पहले त्रिपुरा हिंसा, उग्रवाद और अशांति के लिए जाना जाता था. उस वक़्त राज्य लाल आतंक की चपेट में था और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) प्रायोजित टॉर्चर चल रहा था. वहीं, आज हम एक विकसित और शांतिपूर्ण त्रिपुरा देख रहे हैं.”
नड्डा ने आगे कहा, "त्रिपुरा की किस्मत और छवि बदल गई है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने राज्य को लगातार आशीर्वाद दिया है." असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने भी शांति की वकालत की. पिछले 5 सालों में राज्य में पहली बार शांति का माहौल बना है. अगर भाजपा सत्ता बरकरार रखती है तो यह त्रिपुरा के हित में होगा.”
इसी दौरान, त्रिपुरा के बनमालीपुर निर्वाचन क्षेत्र में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने भी एक रैली को संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान शर्मा ने सीपीएम पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “त्रिपुरा में आज शांति का माहौल है. साल 2018 में हमने राज्य में कई भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत देखी थी. सीपीएम द्वारा बनाया गया राजनीतिक आतंकवाद का माहौल अब राज्य में नहीं है.”
उन्होंने आगे टिपरा मोथा (TIPRA Motha) पर भी टिप्पणी करते हुए कहा, “टिपरा मोथा के विधायक क्या करेंगे? पार्टी दिल्ली में सत्ता में नहीं है और वह त्रिपुरा में सरकार नहीं बना पाएगी. इसलिए इसके पक्ष में मतदान का कोई मतलब नहीं होगा.” असम के मुख्यमंत्री सरमा और भाजपा प्रमुख नड्डा ने केंद्र की विकास पहलों पर प्रकाश डालते हुए यह भी कहा, कि “भाजपा त्रिपुरा का विभाजन नहीं होने देगी. हम त्रिपुरा के 2 राज्य नहीं बनने देंगे. हम आदिवासियों के विकास के लिए काम करेंगे.”
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