
उत्तराखंड के एक पवित्र शहर जोशीमठ (Joshimath) के निवासी, शहर के घरों और सड़कों में दरारें देखकर चिंतित हो गए हैं, जिसे उन्होंने ‘धीरे-धीरे डूबता हुआ शहर’ बताया. आपको बता दें, कि स्थिति का आकलन करने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी (Pushkar Dhami) आज 6 जनवरी 2023 को देहरादून में सरकार के आपदा, सिंचाई और गृह विभागों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों से विचार विमर्श करेंगे.
मुख्यमंत्री धामी ने जोशीमठ में जमीन डूबने और शहर के कई घरों में दरारें आने की खबरों के जवाब में लोगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का वादा किया है. इसके साथ ही यह भी कहा, कि स्थिति का आकलन करने और उचित कदम उठाने के लिए वह जल्द ही खुद जोशीमठ भी जाएंगे.
आपको बता दें, कि जोशीमठ नगर क्षेत्र के कुल 561 घर ऐसे मिले हैं जिनमें दरारें आई हैं. 2 होटल को सुरक्षा की वजह से बंद करना पड़ा है, जबकि अब तक 38 परिवारों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है. वहीं, गढ़वाल मंडल के कमिश्नर सुशील कुमार ने कहा, “एनटीपीसी (NTPC) परियोजना का काम रोक दिया गया है और बन रहे टनल की भी जांच की जाएगी. घरों में दरारें चिंता की बात है. हम हर पहलू की जांच कर रहे हैं और किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार हैं.”
मिली जानकारी के मुताबिक, जोशीमठ के मारवाड़ी इलाके में पिछले कई महीने से लैंडस्लाइड की घटनाएं हो रही थीं. इसके बाद, बद्रीनाथ नेशनल हाईवे-58 से लगे जयप्रकाश पावर प्रोजेक्ट के पास भी कॉलोनी में पानी दीवारों के अंदर से और जमीन से फूटकर निकलता देखा गया था.
गौरतलब है, कि बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब के बीच उत्तराखंड के चमोली जिले में 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ भूकंपीय रूप से सक्रिय जोन में है. वहीं, चमोली प्रशासन ने 5 जनवरी को एक बुलेटिन में कहा कि जोशीमठ में कुल 561 प्रतिष्ठानों ने फ्रैक्चर की सूचना दी है जो कि मिट्टी के धंसने के बाद दिखाई दिए.
यह भी पढ़ें: 'आपकी मां हमारी भी माँ’, प्रधानमंत्री मोदी के लिए ममता बनर्जी ने कहे भावुक शब्द