
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने शुक्रवार को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) में अपने भाषण के लिए कांग्रेस (Congress) सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर हमला किया. राहुल ने कैम्ब्रिज में अपने भाषण के दौरान 'भारतीय लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर हमले' पर बड़े पैमाने पर चर्चा की थी. वहीं, अब सरमा ने कहा कि यूनिवर्सिटी में राहुल का भाषण विदेशी धरती पर देश को बदनाम करने की बेशर्म कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है.
सरमा ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में राहुल गांधी पर हमला करते हुए पूछा, “राहुल का कहना है कि भारतीय लोकतंत्र खतरे में है, क्योंकि वह खुद को स्वतंत्र रूप से व्यक्त नहीं कर सकते. तथ्य: उन्होंने मोदी सरकार द्वारा प्रदान की गई सुरक्षा के तहत अपनी यात्रा में बिना किसी दुर्घटना के 4,000 किमी की यात्रा की. क्या हमें उन्हें यह याद दिलाने की ज़रूरत है, कि कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान भाजपा नेताओं के नेतृत्व वाली यात्राओं को कैसे बाधित किया गया था?”
आपको बता दें, कि कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में अपने भाषण के दौरान गांधी ने कहा था, कि उनके साथ के कई राजनीतिक नेताओं के मोबाइल फोन पर पेगासस (Pegasus) है, जो एक इज़राइल-आधारित स्पाईवेयर है. उन्होंने बताया कि कैसे एक खुफिया अधिकारी ने उन्हें उनके द्वारा की जाने वाली बातें 'रिकॉर्ड' होने की सूचना दी.
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राहुल ने कहा, "मेरे खुद के फोन पर पेगासस लगाया गया था. बड़ी संख्या में राजनेताओं के फोनों में पेगासस था. मुझे खुफिया अधिकारियों ने फोन किया, जिन्होंने मुझसे कहा 'कृपया इस बारे में सावधान रहें क्योंकि आप फोन पर क्या कह रहे हैं हम वह सब रिकॉर्ड कर रहे हैं’.”
गांधी के इन सभी दावों को खारिज करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले की ओर इशारा किया, जिसमें यह कहा गया था कि फोन में स्पाईवेयर स्थापित होने का कोई निर्णायक सबूत नहीं है. इस मामले में कुल 29 फोनों की जांच की गई थी. वहीं, सरमा ने तर्क दिया कि राहुल ने जांच के लिए अपना फोन जमा करने से इनकार कर दिया.
सरकार ने एक और ट्वीट करते हुए कहा, "राहुल का कहना है कि पेगासस उनके फोन पर पाया गया था और एक अधिकारी ने उन्हें इसके बारे में चेतावनी दी थी. तथ्य: जब सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए उनसे उनके फ़ोन की जांच करवाने के लिए कहा, तो उन्होंने जांच के लिए अपना फोन देने से इनकार कर दिया. व्यापक जांच के बाद, कोर्ट ने यह निष्कर्ष निकाला कि पेगासस का कोई सबूत नहीं मिला है.”