
साल 2022 में, श्रीलंका (Sri Lanka) आज़ादी के बाद पहली बार बेहद ही बुरे दिनों में है. ऐसा इसलिए क्यूंकि, श्रीलंका इस समय आर्थिक बदहाली से गुज़र रहा है. आलम यह है, कि वहाँ न खाना-पानी है और न ही बिजली-पेट्रोल. इस आर्थिक संकट से श्रीलंका की जनता खासे आक्रोश में है. यूँ तो, श्रीलंका में 5 दिन पहले, 1 अप्रैल को आपातकाल की घोषणा की गई थी. मगर, अब श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने उस आपातकाल को वापस लेने का ऐलान करते हुए उसे वापस ले लिया है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि श्रीलंका में जनता का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. तो वहीं दूसरी तरफ, कैबिनेट के मंत्री और यहाँ तक कि वित्त मंत्री भी इस्तीफा दे चुके हैं. इस सबके बीच, विरोध प्रदर्शन को रोकने की उम्मीद से श्रीलंका के राष्ट्रपति ने वहाँ आपातकाल की घोषणा की थी. लेकिन जब देखा गया, कि पूरे देश की जनता का विरोध तब भी नहीं रुका और न ही प्रदर्शनकारी हटे, तो अब, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश में लगाए गए आपातकाल को वापस ले लिया है.
श्रीलंका की जनता का विरोध प्रदर्शन
बीते कुछ महीनों से, श्रीलंका में आर्थिक संकट चल रहा है. इसी के चलते, वहाँ ज़रूरत के सामान तक पहुंच भी बेहद मुश्किल हो गई है, क्यूंकि सब्ज़ी, दूध जैसी ज़रूरी चीज़ों के दाम भी आसमान को छू रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ, बच्चे और बड़े सभी भूख से बिलख रहे हैं. पेट भर खाना तक सपना बन चुका है. वैसे तो, कई लोग श्रीलंका से भागकर भारत में भी शरण ले रहे थे. लेकिन, ऐसा करना दोनों ही देशों को और अधिक नुकसान पहुँचाएगा. ऐसे में श्रीलंका की जनता अब पूरे देश में विरोध प्रदर्शन कर रही है.
श्रीलंका के राष्ट्रपति का ऐलान
जनता के इसी विरोध प्रदर्शन ने जब रुकने का नाम नहीं लिया, तो अब गोटाबाया ने 5 अप्रैल की आधी रात से आपातकाल को वापस लेने का ऐलान कर दिया. इसी के साथ, श्रीलंका में आपातकाल हटा दिया गया है. जिसकी सूचना स्वयं श्रीलंका के राष्ट्रपति ने गजट नोटिफिकेशन जारी करते हुए दी.