
अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंपनी द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट, देश में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस मीडिया कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस को लेकर बड़ा खुलासा किया है. दरअसल, इस रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि साल 2019 के हुए आम चुनावों और 9 राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए भारत के सबसे बड़े बिज़नेस समूह, रिलायंस ने कथित तौर पर मदद की थी.
इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है, कि रिलायंस ने नियमों में कमियों का लाभ उठाते हुए, फेसबुक पर फर्जी विज्ञापनों को प्रसारित करने के लिए लाखों रूपए की राशि खर्च की थी. दरअसल, इस रिपोर्ट में जिस फर्म को लेकर सवाल उठे हैं, वह मुकेश अंबानी की स्वामित्व वाली कंपनी, जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड की सहयोगी है.
मौजूदा रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2019 के आम चुनावों में ‘न्यू जे’ नाम का एक विज्ञापन पेज फेसबुक और इंस्टाग्राम पर एक विशेष धर्म के विरोधी सामग्री पोस्ट कर रहा था, जिससे भारत में सत्तारूढ़ दल यानी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फ़ायदा हुआ. वहीं इसमें यह भी दावा किया गया है, कि उक्त विज्ञापन पेज के संथापक का भाजपा और रिलायंस के साथ घनिष्ठ संबंध है.
हालांकि, आपको बता दें, कि उक्त विज्ञापन पेज ने भाजपा के साथ किसी भी तरह के औपचारिक संबंध को नहीं दर्शाया है. ऐसे में, अंतराष्ट्रीय मीडिया कंपनी द्वारा कथित तौर पर किए गए इस दावे को हमारा चैनल पुष्टि नहीं करता है.
वहीं, इस रिपोर्ट के बाहर आने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने भी अपनी गंभीर प्रतिक्रियाएं दी हैं. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है, कि "रिलायंस को स्पष्ट करना चाहिए, कि क्यों वह फेसबुक पर भाजपा के प्रोपेगंडा पेज के ज़रिए, फेक न्यूज़ को बढ़ावा दे रही थी. वहीं रिलायंस की ओर से वित्तपोषित झूठ से न केवल कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को निशाना बनाया गया है, बल्कि इनका उद्देश्य देश में सांप्रदायिक और अशांति का माहौल तैयार करना भी था.”