
सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा, कि उन्हें पता चला है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के ज़्यादातर अधिकारी उनके उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को शराब नीति (Liquor Policy) जांच में गिरफ्तार करने के खिलाफ थे. उन्होंने यह आरोप लगाया, कि राजनीतिक दबाव के कारण उन्हें बिना सबूत के उपमुख्यमंत्री को गिरफ़्तार करने के लिए मजबूर किया गया.
ट्विटर पर सोमवार को ट्वीट करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा, “मुझे बताया गया है कि ज़्यादातर सीबीआई अधिकारी मनीष की गिरफ्तारी के खिलाफ थे. वह सभी उनका बहुत सम्मान करते हैं और उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. लेकिन उन्हें गिरफ्तार करने का राजनीतिक दबाव इतना अधिक था, कि उन्हें अपने राजनीतिक आकाओं की बात माननी पड़ी.”
https://twitter.com/ArvindKejriwal/status/1630088134712266752?t=ptJtH4zbi9_LKWY9tfhjoQ&s=19
आपको बता दें, कि सीबीआई ने अब रद्द की जा चुकी शराब नीति में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में रविवार देर रात को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. इस मामले में यह अब तक की सबसे हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी है. वहीं, सीबीआई ने एक बयान देते हुए कहा, कि "आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में चल रही जांच में 8 घंटे की पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था.”
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सीबीआई द्वारा गिरफ़्तार किये जाने से पहले मनीष सिसोदिया ने आम आदमी पार्टी समर्थकों के साथ एक रोड शो किया था. उस दौरान उन्होंने कहा था, कि उन्हें एक फ़र्ज़ी मामले में फंसाया जा रहा है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) आप से डर गई है. यह मामला पिछले साल जुलाई में एक अधिकारी द्वारा एक रिपोर्ट जारी करने के बाद शुरू हुआ था.
उस रिपोर्ट में उन्होंने सुझाव दिया था कि नीति से निजी शराब खुदरा विक्रेताओं को सरकारी खजाने की कीमत पर छूट की पेशकश करके लाभ हुआ है. इसके बाद, यह पॉलिसी वापस ले ली गई. इसी बीच, मनीष सिसोदिया की आम आदमी पार्टी ने इस मामले में उनकी ओर से किसी भी तरह के गलत काम से इनकार किया है. पार्टी का कहना है, कि उनकी गिरफ्तारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से राजनीतिक प्रतिशोध है.
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