
गोराटा शहीद स्मारक (Gorata Shaheed Smarak) का उद्घाटन करते हुए, गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने याद दिलाया कि हैदराबाद के निजाम की सेना ने तिरंगे को फहराने के लिए स्थानीय लोगों को मार डाला था और उन्होंने कहा, "इस गोराटा गांव में, सिर्फ 2.5 फीट ऊंचे तिरंगे को फहराने के लिए निजाम की सेना द्वारा सैकड़ों लोगों की हत्या की गई थी. आज, मैं गर्व से कहता हूं कि उसी ज़मीन पर हमने एक 103 फीट ऊंचे तिरंगे को फहराया है, जिसे किसी से छुपाया नहीं जा सकता."
"उसी ज़मीन पर, उन अमर शहीदों की याद में सरदार पटेल (Sardar Patel) की 20 फीट ऊंची मूर्ति स्मारक के रूप में खड़ी है. सरदार पटेल भारतवर्ष के पहले गृह मंत्री थे. उन्होंने हैदराबाद से निजाम को बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई थी. इसलिए यह क्षेत्र बीदर भारत का हिस्सा बन सका", गृह मंत्री ने और जोड़ा.
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कांग्रेस (Congress) पारदर्शिता राजनीति का आरोप लगाकर धर्म के आधार पर आरक्षण प्रदान करने की तुलना में, शाह ने कहा, "अल्पसंख्यक को प्रदान की गई आरक्षण संविधान के अनुसार नहीं था. संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण प्रदान करने के लिए कोई प्रावधान नहीं है. कांग्रेस सरकार, अपनी पोलराइज़ेशन राजनीति के कारण, अल्पसंख्यक को आरक्षण प्रदान किया. भाजपा (BJP) ने उस आरक्षण को रद्द किया और वोकलीग और लिंगायत समुदायों को आरक्षण प्रदान किया."
अमित शाह ने आगे जोड़ा "कांग्रेस वोट बैंक के लिए लोगों का भला नहीं सोचते, उन्होंने स्वतंत्रता और 'हैदराबाद मुक्ति' के लिए जिन्होंने अपनी जान दी और समर्पण करने वालों को कभी याद नहीं किया. अगर सरदार पटेल न होते तो हैदराबाद कभी स्वतंत्र नहीं होता और बीदर भी स्वतंत्रता नहीं प्राप्त कर पाता".
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