
प्रधानमंत्री Narendra Modi ने, अपने चर्चित रेडियो प्रोग्राम 'मन की बात' के जरिए देश के नाम संबोधन दिया है. यह कार्यक्रम रविवार के दिन रेडियो पर प्रसारित किया गया था. Narendra Modi ने इस कार्यक्रम में बहुत ही आवश्यक विषयों पर चर्चा भी की है. इस प्रोग्राम के बारे में, उन्होंने कल ही अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर जानकारी दे दी थी.
इस प्रोग्राम की शुरुआत में, सबसे पहले Narendra Modi ने देश के 'फ्लाइंग सिख' यानी मिल्खा सिंह को याद किया है. आपको बता दें, कि मिल्खा सिंह का निधन, इसी हफ्ते Covid-19 की वजह से हुआ है. उनको श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, कि मिल्खा सिंह हमेशा भारत वासियों की यादों में जीवित रहेंगे.
भारत के महान स्प्रिंटर को याद करते हुए उन्होने कहा कि, "जब भी हम ओलंपिक की बात करेंगे, तब हम मिल्खा सिंह जी को कैसे याद न करें. जब वे, अस्पताल में भर्ती थे, तो मुझे उनसे बात करने का मौका मिला था. मैंने तब उनसे, टोक्यो ओलंपिक के लिए जाने वाले एथलीटों को प्रेरित करने का अनुरोध किया था".
प्रधानमंत्री ने, हर बार की तरह, आज भी देशवासियों से वैक्सीनेशन अभियान का हिस्सा बनने का आग्रह किया है. वैक्सीन की जानकारी देते हुए, देश की जनता से उन्होंने कहा, कि "मैंने और मेरी मां ने भी, वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवाई है. वैक्सीन के बारे में फैली हुई अफवाहों पर यकीन ना करें और वैक्सीन जरूर लगवाएं. कोरोना की रफ्तार में कमी हुई है, लेकिन अभी भी यह हमारे इर्द-गिर्द मौजूद है. इसलिए वैक्सीन लगवाने से ना कतराएं. हम चाहते हैं कि, गांव और शहरों का हर व्यक्ति वैक्सीनेट हो. इससे घबराए नहीं".
Narendra Modi ने, इस संबोधन में जल संरक्षण के मुद्दे पर भी बात की है. उन्होंने, जमीनी स्तर के पानी को बचाने के बहुत से सुझाव भी दिए हैं. उन्होंने कहा, कि "पहाड़ियों में चलखल नामक जल संरक्षण का एक पारंपरिक तरीका मौजूद है. यानी इसमें पानी इकट्ठा करने के लिए एक बड़ा गड्ढा खोदना होता है.
सच्चिदानंद भारती जी ने भी, इस परंपरा में कुछ नए तरीके जोड़े हैं. उन्होंने नियमित रूप से छोटे-बड़े तालाब खुदवाए हैं. उन्होंने इन तालाबों में जल संरक्षित किया है. अब यही संरक्षित जल बहुत से कामों में इस्तेमाल किया जा रहा है. साथ ही, यह आसपास के गांवों में जलापूर्ति का स्त्रोत भी बना हुआ है".