
उत्तर प्रदेश को Purvanchal Expressway के बाद, बहुत जल्द Ganga Expressway की सौगात मिलने वाली है. इस बात की जानकारी, स्वयं मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने साझा की है. इतना ही नहीं, राज्य सरकार के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट द्वारा भी यह सूचना जारी की गई है. इस सूचना में यह जानकारी भी दी गई है, कि प्रधानमंत्री Narendra Modi 18 दिसंबर 2021 को उत्तर प्रदेश में Ganga Expressway का शिलान्यास करने वाले हैं. इस एक्सप्रेसवे परियोजना की अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपये है. इस परियोजना के लिए डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर की मोड ऑन (टोल) माध्यम के तहत निविदाएं आमंत्रित की गई हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी. Ganga Expressway पर वायु सेना के विमानों की आपातकालीन लैंडिंग और टेक-ऑफ की सुविधा के लिए एक हवाई पट्टी भी मौजूदहोगी. Ganga Expressway का आधे से अधिक हिस्सा पश्चिमी यूपी के मेरठ, बुलंदशहर, संभल, बदायूं, हापुड़, अमरोहा और शाहजहांपुर जिलों से होकर गुजरेगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि जब इस एक्सप्रेसवे को बनाने का काम शुरू हुआ था, तब लगभग 94% किसानों ने Yogi Adityanath सरकार को अपनी ज़मीन बेच दी थी. हालांकि, गौर करने की बात यह है, कि उस समय Covid-19 महामारी अपने चर्म पर थी. पहले इस परियोजना को पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा स्वीकृति प्राप्त नहीं थी. लेकिन कुछ दिन पहले ही, पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा इस परियोजना को मंजूरी मिली है. पर्यावरण और वन मंत्रालय, भारत सरकार, 2006 की अधिसूचना के तहत, Ganga Expressway के निर्माण के लिए UPEIDA द्वारा भी अनुमति ले ली गई है.
अधिकारियों का कहना है, कि इस एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत करीब 140 नदियां, धाराएं, नहरें, नाले शामिल हैं. इसके आलावा, 17 इंटरचेंज, 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 28 फ्लाईओवर, 50 वीयूपी, 171 एलवीयूपी, 160 एसवीयूपी और 946 पुलिया बनाने का प्रस्ताव है.
अनुमान लगाया जा रहा है, कि Yogi Adityanath सरकार इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान लगभग 12,000 लोगों को अस्थायी रूप से रोजगार देगी. जबकि टोल प्लाजा के निर्माण के बाद, लगभग 100 लोगों को स्थायी आधार पर नियोजित किया जाएगा.