
चुनाव आयोग ने भारत में कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद को voter-aadhaar link करने का प्रस्ताव दिया है ताकि उम्मीदवारों द्वारा अपने हलफनामे में दी गई गलत सूचना को रोका जा सके.
जल्द ही उम्मीदवारों द्वारा दी गई गलत सूचना बंद होने जा रहा है. ऐसा बहुत बार देखा गया था कि इलेक्शन में अपना नाम दर्ज करवाने वाले उम्मीदवार अक्सर अलग अलग जगहों से अपना नाम दर्ज करवा लेते थे. लेकिन भारत के चुनाव आयोग ने इस गड़बड़ी को खत्म करने के लिए उम्मीदवार के voter-aadhaar link करवाने का फैसला लिया है. साथ ही यह घोषणा भी की है कि सभी उम्मीदवार एकदम सही जानकारी दर्ज करवाएंगे.
इस बड़े फैसले के मुताबिक कोई भी उम्मीदवार बिना अपने वोटर कार्ड को आधार कार्ड के साथ लिंक करवाएं चुनावों में खड़ा नहीं हो सकता और साथ ही इस बात की घोषणा भी की है यदि कोई उम्मीदवार चुनाव आयोग को गलत जानकारी दर्ज करवाएगा तो उसे 2 साल 6 महीने की सजा हो सकती है और उसके चुनाव लड़ने पर रोक भी लगाई जा सकती.
चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को एक पत्र में यह लिख कर भेजा है कि उम्मीदवारों द्वारा गलत जानकारी प्रदान करवाने के जुर्म में उम्मीदवारों को 2 साल और 6 महीने की सजा होनी चाहिए और साथ ही उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लगनी चाहिए.
सुशील चंद्रा ने केंद्र सरकार का ध्यान पेड न्यूज की तरफ भी खींचा है. चंद्रा ने केंद्र सरकार को पत्र में लिखा है कि पेड न्यूज चलाने वाले उम्मीदवारों के तहत सख्त कानून बनाने चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए.
साइलेंट पीरियड में विज्ञापन पर हो रोक. सुशील चंद्रा ने केंद्र को यह प्रस्ताव भी दिया है कि उम्मीदवारों द्वारा साइलेंट पीरियड यानी जब चुनाव का समय नहीं होता उस समय में विज्ञापन पर रोक लगानी चाहिए. उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि साइलेंट पीरियड के दौरान विज्ञापन करने पर वोटरों के मन पर उम्मीदवारों के लिए काफी नए विचार बनते हैं.