
उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने सोमवार को UP Population Control Bill का ड्राफ्ट, विचार और आगे की कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
ड्राफ्ट बिल का उद्देश्य, कई तरह के लाभ देकर राज्य की जन्म दर को कम करना है। इस ड्राफ्ट बिल में दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को सरकारी लाभों से वंचित करना, उन्हें स्थानीय निकाय चुनाव, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने या किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी पर रोक लगाने जैसे प्रस्ताव भी हैं.
UP Population Control Bill का प्रारंभिक संस्करण 9 जुलाई 2021 को विधि आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया था. जनता से सुझाव 19 जुलाई तक आमंत्रित किए गए थे. UP Population Control Bill के ड्राफ्ट की मानें, तो नीति सरकार द्वारा तय की गयी तारीख पर लागू होगी, जो सरकारी गजट में अधिनियम के प्रकाशित होने की तारीख से एक वर्ष तक होगी.
इस ड्राफ्ट बिल में एक संतान वाले दंपत्ति के लिए भी खास फायदे घोषित किए गए हैं. बिल के अनुसार, यदि किसी दंपत्ति को सिर्फ एक ही संतान है, तो उसे सरकारी नौकरी में इजाफा मिलेगा. साथ ही, बच्चे की शिक्षा में बहुत से सरकारी लाभ भी दिए जाएंगे. यदि यह एक संतान केवल लड़की है तो उसके लिए सरकार की तरफ से खास स्कॉलरशिप योजनाएं भी शुरू की जाएंगी.
लेकिन इस ड्राफ्ट बिल की एक संतान नीति ने विश्व हिंदू परिषद की उन आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया है, जिनका लक्ष्य प्रति महिला 2 से कम बच्चे हैं. कुछ नई नीतियों का उल्लेख भी किया गया है. यदि किसी दंपत्ति को ट्रांसजेंडर बच्चा पैदा होता है, तो उसे दो से अधिक बच्चे पैदा करने की छूट भी इस बिल में शामिल की गई है. यदि कोई महिला अथवा पुरुष अपनी मर्जी से नसबंदी करवाना चाहते हैं तो सरकार की तरफ किसी प्रकार कि कोई भी रोक नहीं लगाई जायेगी.