
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य विधि आयोग ने शुक्रवार को प्रस्तावित Population Control Bill का पहला ड्राफ्ट जारी किया है. ड्राफ्ट बिल में दो से अधिक बच्चे वाले दंपतियों को सरकारी योजनाओं के लाभ और भत्तों से वंचित करने का प्रावधान है.
उत्तर प्रदेश सरकार के Population Control Bill में सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने से रोकने का प्रस्ताव
यूपी राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने मीडिया को बताया कि, "विधेयक में दो बच्चों की नीति के उल्लंघन करने वालों को स्थानीय चुनाव लड़ने या सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन से वंचित करने का भी प्रस्ताव है. बिल राशन कार्ड इकाइयों को भी चार तक सीमित करता है."
Population Control Bill के तहत टू-चाइल्ड पॉलिसी का पालन करने वालों बनेंगे प्रोत्साहन के पात्र
Population Control Bill के अंतर्गत टू-चाइल्ड पॉलिसी का पालन करने वाले सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत पूरी सेवा के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, भूखंड या घर की सब्सिडी वाली खरीद, उपयोगिता शुल्क पर छूट और कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में 3% की वृद्धि जैसे प्रोत्साहन के पात्र होंगे. सिर्फ एक बच्चे वाले दंपती 20 साल की उम्र तक अपने बच्चे के लिए चार अतिरिक्त वेतन वृद्धि, मुफ्त स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा का लाभ उठा सकेंगे. जो लोग सरकारी सेवा में नहीं हैं, लेकिन टू-चाइल्ड पॉलिसी का पालन करते हैं, उनके लिए बिल में पानी और बिजली के बिल, हाउस टैक्स, होम लोन पर छूट देने का प्रस्ताव है.
मित्तल ने यह भी कहा कि "बहुविवाह और बहुपति प्रथा के मामलों में कोई ढील नहीं दी जाएगी. जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि सरकार दो से ज्यादा बच्चों वाले करदाताओं का पैसा उन पर नहीं लगा सकती है."
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि Population Control Bill को तैयार करते वक्त मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर तक लाने के लिए, बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं की आसान उपलब्धता के साथ-साथ "सभी समुदायों में जनसंख्याका संतुलन" बनाए रखने का प्रयास किया जाना चाहिए." बता दें कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2021-2030 के लिए एक नई जनसंख्या नीति की घोषणा करने से दो दिन पहले ड्राफ्ट बिल जारी किया गया था.