
सोमवार को, 2 दिन की साप्ताहिक बन्दी के बाद खुले शेयर बाज़ार में, भारी गिरावट दर्ज की गई है. पहले सेशन की ट्रेडिंग की शुरुआत में ही, निवेशकों के लगभग 3 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं. इस गिरावट के कारण BSE की मार्केट कैपिटलाइजेशन को करारी चोट पहुंची है. BSE ने अपनी मार्केट कैप के लगभग 2.68 लाख करोड़ रुपये गंवाए हैं. वहीं, Tata Steel और SBI के स्टाॅक में भी हल्की गिरावट दर्ज की गई है.
Tata Steel और TCS के शेयर में दिखी गिरावट
दलाल स्ट्रीट में, सोमवार की सुबह अधिकतर स्टॉक्स के लिए भयावह साबित हुई. सेंसेक्स के 30 में से 27 शेयर लाल निशान, यानी घाटे में खुले. जिन स्टॉक्स ने हरे निशान में ट्रेडिंग शुरू की उनमें केवल Sun Pharma, NTPC और Hindustan Unilever के नाम शामिल हैं. इनके अलावा अधिकतर प्रमुख कंपनियों के शेयर, जैसे Asian paints, Bharti Airtel, Reliance, Tata Steel, SBI, TCS, Kotak Mahindra Bank. आदि के शेयर घाटे में दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही, BSE लार्ज कैप में Adani कंपनियों का बुरा प्रदर्शन बरकरार रहा. इंडेक्स में, Adani Group की कंपनियां सबसे अधिक घाटे में रहीं.
शेयर बाज़ार के ढहने के क्या है मुख्य कारण?
US Fed के आक्रमक रवैये ने, एशियाई निवेशकों को शेयरों की बिक्री करने पर मजबूर कर दिया है. इसी कारण सोमवार को, लगभग पूरे एशिया के बाज़ारों में भारी गिरावट देखने को मिली है. जापान का Nikkei 225, ओपेनिंग सेशन के 30 मिनट के अंदर, 870 अंक नीचे गिर गया. इसी तरह, Hong Kong स्टॉक्स ने भी, लगभग 300 अंको के नुकसान के साथ दिन की शुरुआत की. एशियाई बाज़ारों के बुरे प्रदर्शन का असर, सोमवार को भारतीय बाजार पर भी देखने को मिला. वहीं रुपया के मुकाबले डॉलर की मज़बूती भी, भारतीय बाजार के लिए अच्छे संकेत नहीं लेकर आई. इसी कारण, सेंसेक्स ने ओपेनिंग सेशन में ही, 500 अंको का गोता लगा लिया. दूसरी ओर, निफ़्टी भी 15,500 के स्तर से नीचे उतर गया.
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