
TATA ग्रुप द्वारा Air India की खरीद की खबरों पर संशय अभी भी बरकरार है. आज सुबह कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बताया गया कि, ग्रुप द्वारा Air India की खरीद को सरकार की ओर से मंजूरी मिल गई है. लेकिन जल्द ही इस खबर का खंडन करते हुए, सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय ने इस खबर को गलत बताया है. हालांकि मामले से जुड़े जानकार व्यक्तियों का कहना है कि, एयर इंडिया की नीलामी की दौड़ में अभी भी सबसे आगे TATA ग्रुप ही है. सूत्रों द्वारा कहा जा रहा है कि, TATA ग्रुप द्वारा एयरलाइंस की नीलामी में सबसे बड़ी बोली लगाई गई है. जल्द ही सरकार की ओर से ग्रुप द्वारा इस सरकारी एयरलाइंस की खरीदारी से जुड़ी अधिकारिक घोषणा की जा सकती है. एक और जाने-माने मीडिया हाउस का दावा है कि, सरकार, एयरलाइंस को दिसंबर तक नए मालिक को पूरी तरह सौंप देने की योजना बना रही है.
काफी समय से सरकार कोशिश कर रही है कि वह किसी प्रकार सरकारी एयरलाइंस Air India का निजीकरण कर सके. इससे पहले वर्ष 2018 में भी केंद्र सरकार द्वारा एयर इंडिया को बेचने का प्रस्ताव रखा गया था. परंतु उस समय सरकारी एयरलाइंस को खरीदने में किसी भी कंपनी की ओर से रुचि नहीं दिखाई गई थी. सरकार द्वारा एयरलाइंस को बेचे जाने मुख्य कारण है कि, Air India को चलाने के लिए सरकार प्रतिदिन लगभग 20 करोड़ रुपये का घाटा उठा रही है. सरकारी एयरलाइंस का कुल घाटा इस समय 70 हज़ार करोड़ रूपए के करीब है. एक समय पर भारतीय आसमान पर एकछत्र राज करने वाली Air India को 1990 के दशक में तगड़ा झटका तब लगा, जब देश में प्राइवेट एयरलाइनओं का आगमन हुआ. प्राइवेट एयरलाइन के आने से देश की हवाई सेवाओं पर इस सरकारी एयरलाइंस का एकछत्र राज्य समाप्त हो गया.
इसके बाद 2000 के दशक में "नो फ्रिल" एयरलाइंस ने Air India को एक और झटका दिया. खराब दौर से जूझ रही सरकारी एयरलाइंस को संकट से निकालने के लिए सन 2007 में अन्य सरकारी एयरलाइन इंडियन एयरलाइंस के साथ विघटन कर दिया गया. सरकार के इस फैसले ने तो एयर इंडिया की कमर ही तोड़ कर रख दी. एयर इंडिया के लिए यह फैसला आर्थिक रूप से बहुत भारी साबित हुआ. इससे एयरलाइन दोबारा उबर नहीं सकी.
TATA ग्रुप द्वारा एयर इंडिया को खरीदे जाने की खबर सुनकर लोग इसे Air India की घर वापसी करार दे रहे हैं. इसका मुख्य कारण है कि, Air India की स्थापना TATA ग्रुप के दूसरे चेयरमैन JRD TATA ने ही की थी. JRD TATA द्वारा 1932 में TATA एयरलाइंस की स्थापना की गई थी, जो कि सन 1946 से Air India के तौर पर जानी जाने लगी. आगे चलकर सन 1953 में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने Air India का राष्ट्रीयकरण कर दिया. हालांकि, उस समय JRD TATA पंडित जवाहरलाल नेहरू के इस कदम से खुश नहीं थे. लेकिन प्रधानमंत्री नेहरू ने उस समय JRD TATA को यह तर्क दिया था कि वह चाहते हैं कि, देश में सभी परिवहन के साधन, सरकार द्वारा संचालित किए जाएं. JRD TATA, इसके बाद Air India के चेयरमैन बना दिए गए थे.
हालांकि यह बात काफी हद तक साफ हो चुकी हैै कि, Air India की नीलामी में सबसे बड़ी बोली TATA ग्रुप के द्वारा ही लगाई गई है. लेकिन इस नीलामी में TATA ग्रुप के अलावा, स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह द्वारा भी बोली लगाई गई थी. सूत्रों के हवाले से खबरें आ रही हैं कि, TATA द्वारा Air India के लिए लगभग 3 हजार करोड़ों रुपए की बोली लगाई गई है. यह बोली कि सरकार द्वारा निर्धारित की गई न्यूनतम रिजर्व राशि से अधिक है. इसके साथ ही यह भी खबर आ रही है कि, TATA ग्रुप द्वारा Air India के कर्ज़ की कुछ प्रतिशत हिस्सेदारी अपनाने की बात स्वीकार की जा सकती है.