Parambir Singh Case: गिरफ्तारी में राहत देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इंकार, कहा पहले बताएं ‘कहां हैं पूर्व कमिश्नर’

Parambir Singh Case: गिरफ्तारी में राहत देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इंकार, कहा पहले बताएं ‘कहां हैं पूर्व कमिश्नर’

100 करोड़ की वसूली और रंगदारी के आरोपों से घिरे, महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस आयुक्त Parambir Singh की मुश्किलें अब बढ़ती जा रही हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने आज पूर्व पुलिस आयुक्त के मामले की सुनवाई के दौरान, उनको राहत देने से इंकार कर दिया. अदालत ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा, कि जब तक Parambir Singh यह नहीं बताते की वह कहा हैं, तब तक उन्हे कोई राहत नहीं दी जाएगी."

आपको बता दें, कि पूर्व पुलिस आयुक्त Parambir Singh ने अदालत से अपनी गिरफ्तारी में राहत की मांग की थी, जिसको लेकर आज सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया है. 

अदालत ने कहा अपना पता बताएं Parambir Singh 

सुनवाई के दौरान, न्यायाधीश Sanjay Singh Kaul ने Parambir Singh को फटकार लगाते हुए कहा, कि "आप किसी जांच में शामिल नहीं हुए हैं और आप सुरक्षा आदेश मांग रहे हैं? हमारा शक गलत हो सकता है, लेकिन अगर आप कहीं विदेश में हैं और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का इंतज़ार कर रहे हो, तो हम यह कैसे दे सकते हैं? पहले यह बताइएस कि आप हैं, भारत में हैं या विदेश में? यह जाने बिना याचिका नहीं सुनी जा सकती."

इसके अलावा, अदालत ने Parambir Singh के वकील से कहा, कि "आरोपी जांच में शामिल शामिल नहीं हुआ, वकीलों को भी नहीं पता कि वह कहां है?" अदालत ने उनके वकील को 22 नवंबर तक का समय देते हुए, Parambir Singh का पता बताने को कहा है. 

वहीं Parambir Singh की ओर से अदालत में कहा गया है, कि "अगर मुझे सांस लेने की इजाज़त मिले, तो गड्ढे से बाहर आ जाऊंगा." आपको बता दें, कि सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को की जाएगी. 

Anil Deshmukh को भी नहीं मिली राहत 

सर्वोच्च न्यायालय ने, महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री Anil Deshmukh को भी राहत देने से इंकार कर दिया है. Anil Deshmukh ने याचिका दायर कर, अदालत से CBI की प्रारंभिक रिपोर्ट और अन्य रिकॉर्ड पेश करने की मांग की थी. उनकी इस याचिका पर, सर्वोच्च न्यायालय ने विचार करने से साफ इंकार कर दिया. न्यायाधीश Sanjay Singh Kaul ने कहा, कि "Anil Deshmukh उचित अदालत के समक्ष अपनी शिकायत लेकर जा सकते हैं. इस मामले में भी सामान्य प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए."

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