
पार्टी के आंतरिक सूत्र बताते हैं कि कमल हासन जिस तरीके से पार्टी चला रहे थे, उससे थी नाराजगी। कई शीर्ष नेता दे चुके हैं इस्तीफा।
एमएनएम(MNM) को एक और बड़ा झटका लगा है। दो लोकप्रिय चेहरों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है। पूर्व आईएएस अधिकारी, संतोष बाबू और पर्यावरण कार्यकर्ता पद्म प्रिया, दोनों ने यह घोषणा की है कि वे गुरुवार को पार्टी छोड़ देंगे। आपको बता दें कि इससे 1 सप्ताह पहले पार्टी के उपाध्यक्ष, आर महेंद्रन ने भी एमएनएम(MNM) को छोड़ दिया था। पार्टी अभी हाल ही में इस घटना से निपट रही थी कि दो और बड़े चेहरों ने भी अपना रुख मोड़ लिया है।
अपने निर्णय को ट्विटर पर जारी करते हुए संतोष बाबू ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा,"प्रिय मित्रों, शुभ अपराह्न! बहुत ही भारी मन से मैं आप सब को यह सूचित कर रहा हूं कि मैं अपना पद और एमएनएम(MNM) की सदस्यता त्याग रहा हूं। मैंने यह निर्णय अपने निजी कारणों के चलते लिया है। मैं कमल सर और अपनी टीम का उनकी दोस्ती और लगाव के लिए धन्यवाद देता हूं।"
दूसरी तरफ पद्म प्रिया ने भी पार्टी को छोड़ने का कारण नहीं बताया है। उन्होंने मदुरवायल के वोटरों को धन्यवाद दिया कि लोगों ने बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के और पहले चुनाव में, उनका इतना सहयोग किया। इसके आगे उन्होंने कहा कि कुछ कारणों के चलते, उन्होंने यह निर्णय लिया है कि वह पार्टी को छोड़ रही हैं।
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विधानसभा के चुनाव में पद्म प्रिया और संतोष बाबू दोनों अपनी सीटों पर हार गए थे। हालांकि पार्टी के अंदर के सूत्र बताते हैं, यह पार्टी से बड़ी संख्या में इस्तीफे की शुरुआत मात्र है।
पार्टी के कुछ सदस्य, जिन्होंने इस शर्त पर कि उनका नाम ना छापा जाए मीडिया से बात की, कहा कि पिछले हफ्ते पार्टी के प्रमुख कमल हासन और सदस्यों की मुलाकात हुई। इस मुलाकात में सदस्यों और कमल हासन के बीच असंतोष और अविश्वास देखने को मिला।
पार्टी के एक नेता का कहना है कि,"कुछ सदस्यों ने चुनाव के लिए किए गए वित्तीय लेनदेन के बारे में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए कहा। लेकिन कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली। यह स्वीकार्य नहीं था।"इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि,"हमें लगता है कि उन्होंने पूरे राज्य के लिए प्रचार नहीं किया, बल्कि केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए किया। सदस्यों को ऐसे नेता पर विश्वास नहीं है। कई प्रमुख चेहरों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है, इस सप्ताह और अगले सप्ताह के दौरान कई सदस्य पार्टी को त्याग देंगे।"
बीते सप्ताह, पार्टी के उपाध्यक्ष महेंद्रन ने पार्टी त्याग दिया और यह दोष लगाया कि कुछ बाहरी ताकतों ने कमल हासन को पट्टी पढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि योजना की कमी का सीधा परिणाम पार्टी की हार है। इसके बाद कमल ने महेंद्रन को एक अपमानजनक पत्र लिखा जिसमें महेंद्रन को विश्वासघाती कहा गया था। पत्र के जरिए महेंद्रन पर ये आरोप लगाया गया कि उन्होंने पार्टी में किसी दूसरे को आगे नहीं बढ़ने दिया।
हालांकि पार्टी के शीर्ष नेताओं का चले जाना, यह दर्शाता है कि जिस तौर तरीके से पार्टी चल रही है, उससे सदस्यों में गहरा असंतोष है।