
हरियाणा (Haryana) के खेल मंत्री संदीप सिंह (Sandeep Singh) पर लगे यौन उत्पीड़न के मामले ने देश की राजनीति को पूरी तरह से गरमा दिया है. हरियाणा खेल विभाग की एक जूनियर कोच-एथलीट द्वारा हरियाणा के खेल मंत्री और पूर्व हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए, चंडीगढ़ पुलिस द्वारा गठित एसआईटी (SIT) ने मंगलवार को शिकायतकर्ता और हरियाणा सिविल सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी के बयान दर्ज किए.
ताज़ा खबरों के अनुसार, कुछ जूनियर हॉकी खिलाड़ियों और खेल विभाग के अधिकारियों को भी एसआईटी आने वाले दिनों में आगे की जांच के लिए तलब कर सकती है. ग़ौरतलब है, कि महिला खिलाड़ी ने संदीप सिंह पर यह आरोप लगाया था, कि मंत्री ने उन्हें अनुचित तरीके से छुआ, उनके फिगर की तारीफ की और उन्हें खुश रखने की बात कही. जानकारी के मुताबिक़, मंगलवार को चंदीगढ़ पुलिस ने 9 घंटे तक कोच-एथलीट का बयान दर्ज किया.
इसके अलावा, पुलिस ने शिकायतकर्ता का मोबाइल फोन भी ज़ब्त कर लिया है. उनके वकील ने यह भी आरोप लगाया, कि हरियाणा पुलिस जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है और जब से उन्होंने पूर्व खेल मंत्री के खिलाफ आरोप लगाए हैं, तब से मंत्री के कर्मचारी हर दिन 3-4 बार उसके घर जा चुके हैं.
महिला-एथलीट ने संदीप सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए यह आरोप लगाया, कि जब तक वह सभी पदों से इस्तीफा नहीं दे देते, तब तक जांच पारदर्शी नहीं हो सकती है. उन्होंने पुलिस को यह भी बताया, कि उन्हें धमकियां मिल रही थीं और देश छोड़ने के लिए 1 करोड़ रुपये की पेशकश भी की गई थी. महिला कोच-एथलीट ने शुक्रवार, 30 दिसंबर को चंडीगढ़ पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद अगले दिन प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसके एक दिन बाद चंडीगढ़ पुलिस ने डीएसपी साउथ पलक गोयल के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया.
इसी बीच, जैसे ही संदीप सिंह को हटाने का दबाव बढ़ने लगा, इस मुद्दे पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) द्वारा महिला कोच-एथलीट की शिकायत के ग़लत बताने वाली टिप्पणी ने एक अलग विवाद खड़ा कर दिया. उनकी इस टिप्पणी को ग़लत बताते हुए विपक्षी दल उनसे "बिना शर्त माफी" मांगने की माँग कर रहे हैं.
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