
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर (Prof. Chandrashekhar) ने हाल ही में रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर एक बयान दिया था, जिससे देश में सियासी भूचाल आ गया. मगर हैरानी की बात यह है, कि उसके बारे में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को कुछ पता ही नहीं है. मुख्यमंत्री से जब मंत्री चंद्रशेखर यादव के रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान पर सवाल किया गया, तो उनका जवाब सुनने लायक था.
वहीं, नीतीश कुमार आज 12 जनवरी 2023 को समाधान यात्रा पर दरभंगा में थे, जब उनसे प्रोफेसर चंद्रशेखर के बयान पर सवाल किया गया. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, कि हमको इसके बारे में नहीं पता है और न हमको मालूम है. आपको बता दें, कि फिलहाल देशभर में हिन्दुओं के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताए जाने के बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान पर सियासत गर्म है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है. हालांकि, वह शिक्षा मंत्री से इस बारे में बात करेंगे. गौरतलब है, कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने नालंदा ओपन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए ‘रामचरितमानस’ की एक चौपाई सुनाते हुए कहा था कि यह ग्रंथ नफरत पैदा करता है.
आगे उन्होंने यह भी कहा, “एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस और तीसरे युग में गोलवलकर का बंच ऑफ थॉट्स ने नफरत फैलाने में अहम भूमिका निभाई है. यह देश और समाज को नफरत में बांटती है. नफरत देश को महान नहीं बनाती है जब भी महान बनाएगा तो मोहब्बत ही बनाएगा.”
उन्होंने ऐसा बयान देकर अयोध्या के संतों को भी नाराज कर दिया है. तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने अब मंत्री पर 10 करोड़ रुपये के इनाम की घोषणा की है. उन्होंने कहा, कि चंद्रशेखर की जुबान काट कर लाने वाले को 10 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा और ऐसे मंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए. राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी इस बयान पर कड़ी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि अगर मंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो साधु चुप नहीं रहेंगे.