
धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (Dhananjaya Y. Chandrachud) को भारत की राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) द्वारा भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) के रूप में नियुक्त किया गया है. भारत के केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने यह घोषणा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया. आपको बता दें, कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक यानी 2 साल से अधिक समय तक भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत रहेंगे.
भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश, यू.यू. ललित ने न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ (Justice Chandrachud) को उनके उत्तराधिकारी के रूप में नोमिनेट किया था. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के लाउंज में 11 अक्टूबर 2022 को आयोजित एक बैठक के दौरान, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की उपस्थिति में उनके नाम की घोषणा की गई है.
जानें कौन हैं चंद्रचूड़
धनंजय चंद्रचूड़, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश हैं, इनका जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था. उनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़, भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक न्यायालय में सेवा देने वाले मुख्य न्यायाधीश रहे थे. वहीं, उनकी मां एक शास्त्रीय संगीतकार थीं.
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ अपने उदार और प्रगतिशील निर्णयों के लिए भी जाने जाते हैं. वह अयोध्या-बाबरी मस्जिद मामले में 5-न्यायाधीश बेंच के सदस्य थे, जिन्होंने अयोध्या-बाबरी मस्जिद का अंतिम निर्णय लिया था. वहीं दूसरी ओर उनके नेतृत्व वाली खंडपीठ ने कोविड-19 (Covid-19) संकट के दौरान कई दिशा-निर्देश भी पारित किए थे.
न्यायमूर्ति को साल 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नोमिनेट किया गया था. उन्होंने 1998 से 2000 तक भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में काम किया था. इसके साथ ही एक वकील के रूप में, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के सबसे महत्वपूर्ण मामलों में संवैधानिक और प्रशासनिक कानून के अधिकार शामिल हैं.
गौरतलब है, कि 29 मार्च 2000 को बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके अलावा, उन्होंने 31 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी.
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