
भारत ने आज गुरुवार 1 दिसंबर 2022 से जी-20 (G20) अध्यक्षता शुरू की है. इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, कि "यह सम्मलेन एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के विषय से प्रेरित होकर एकता को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा. इसके साथ ही आतंक, जलवायु परिवर्तन, महामारी को सूचीबद्ध करने की ओर मजबूत बुनियाद भी तैयार करेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा, कि भारत की जी20 प्राथमिकताओं को न केवल हमारे जी20 भागीदारों, बल्कि हमारे साथीयों के परामर्श से आकार दिया जाएगा. वहीं, भारत का जी20 एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, और निर्णायक होगा. उन्होंने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में कहा, कि देश टिकाऊ जीवन शैली को प्रोत्साहित करने, भोजन, उर्वरकों और चिकित्सा उत्पादों की वैश्विक आपूर्ति को गैर-राजनीतिकरण करने पर काम करने के लिए तत्पर है.
आगे उन्होंने कहा, कि यह हमारी आध्यात्मिक परंपराओं से प्रेरित होने का समय है जो एकता की वकालत करती है. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि जैसा कि भारत ने इस महत्वपूर्ण पद को ग्रहण किया है, मैं खुद से पूछता हूं - क्या जी 20 अभी भी आगे बढ़ सकता है? क्या हम मानवता को लाभ पहुंचाने के लिए एक मौलिक मानसिकता बदलाव को उत्प्रेरित कर सकते हैं? तो मुझे विश्वास है, कि हम कर सकते हैं.”
पीएम मोदी ने कहा, कि हम स्वार्थ को तब देखते हैं जब देश आपस के क्षेत्र या संसाधनों पर लड़ते हैं. हम इसे तब देखते हैं, जब आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को हथियार बनाया जाता है. हम इसे तब देखते हैं जब कुछ लोगों द्वारा टीकों की जमाखोरी की जाती है. फिर उन्होंने पूछा, कि अगर इंसान स्वाभाविक रूप से स्वार्थी थे, तो हम सभी की मौलिक एकता की वकालत करने वाली इतनी सारी आध्यात्मिक परंपराओं की स्थायी अपील उनको कैसे समझ आएगी?
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि भारत की जी20 अध्यक्षता इस बार एकता की इस सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने के लिए काम करने वाली है. वहीं, इसकी थीम - 'वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर' है.
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