
Covid -19 की दूसरी लहर के पूरे 10 महीने बाद Center के एक सांसद Bishweswar Tudu ने बताया, कि केंद्र सरकार के पास गंगा नदी में बहाए गए शवों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. सरकार इस बारे में कुछ नहीं जानती कि कितने शवों को गंगा में बहाया गया था. Trinamool Congress सांसद Derek O'Brien द्वारा पूछे गए एक सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए जल शक्ति मंत्रालय के मंत्री ने राज्यसभा में यह जवाब दिया.
Trinamool Congress सांसद Derek O'Brien ने संसद में Center से पूछा, कि जो शव गंगा नदी में बहाए गए हैं, उनका अंतिम संस्कार Covid-19 प्रोटोकॉल के अनुसार क्यों नहीं किया गया? इस पर मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा, कि उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ जिले ऐसे हैं जहां पर लावारिस या आधे जले हुए शव मिले हैं. यही शव गंगा नदी में तैरते हुए दिखाई दिए थे. जल शक्ति मंत्रालय के मंत्री Bishweswar Tudu ने यह भी बताया, कि Center ने देश के कुछ राज्यों से इन तैरते हुए शवों का अंतिम संस्कार करने की रिपोर्ट भी मांगी थी. गंगा नदी के किनारे रहने वाले लोगों के बीच Center ने एक जागरूकता अभियान भी चलाया है. यह स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन के लिए भी जरूरी था.
इसके अलावा जल शक्ति मंत्री ने संसद में यह भी कहा, कि Center ने Covid-19 की दूसरी लहर के दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से पांच मुख्य स्टेम राज्यों में 97 स्थानों पर गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता को जानने का अभियान चलाया है. यह अभियान Namami Gange प्रोग्राम का ही हिस्सा है.
दरअसल बात यह है, कि भारत में Covid-19 की दूसरी लहर के समय बहुत सी मौतें दर्ज की गई हैं. यह ऐसा भयानक समय था जब शवों को श्मशान में जलाने की जगह नहीं मिल रही थी. लोगों ने घंटो कतार में खड़े होकर अपने रिश्तेदारों के शवों का अंतिम संस्कार किया है. ऐसे में बहुत से दृश्य ऐसे भी देखने को मिले जिसमें नदियों में शवों को बहते हुए देखा गया है. इस दृश्य को देखकर पूरा देश हैरान रह गया था. इस दृश्य ने देश में Covid-19 से मरे लोगों के वास्तविक आंकड़ों पर एक शक पैदा किया था.