
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 (Gujarat Assembly Election 2022) में भाजपा (BJP) की ऐतिहासिक जीत के बाद घाटलोडिया विधायक भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है. गौरतलब है, कि साल 2021 में भारतीय जनता पार्टी ने विजय रूपानी (Vijay Rupani) की जगह पर मुख्यमंत्री पद के लिए भूपेंद्र पटेल के नाम की घोषणा की थी और यह कई लोगों के लिए आश्चर्य की वजह बना था.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में भाजपा ने 156 सीटें जीतीं और मुख्यमंत्री के रूप में सीधे दूसरा कार्यकाल हासिल किया है.
भूपेंद्र पटेल से जुड़ी 5 ख़ास बातें
1. आरएसएस से संबंध
इंजीनियर से नेता बने भूपेंद्र पटेल युवावस्था से ही आरएसएस (RSS) से जुड़े रहे हैं. साल 1990 के दशक में मुख्यधारा की राजनीति में शामिल होने और इंजीनियरिंग डिप्लोमा पूरा करने के बाद, वह आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) के संपर्क में आए. इसके बाद, वह साल 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले राजनीति में सक्रिय रहे हैं.
2. वर्किंग स्टाइल
दूसरी बार मुख्यमंत्री चुने जाने वाले भूपेंद्र पटेल को गुजरात में भाजपा के संकटमोचक के रूप में जाना जाता है. वह अपनी प्रभावशाली निर्णय लेने की ताकत के लिए भी जाने जाते हैं. ऐसा कहा जाता है, कि सिर्फ एक साल में, उन्होंने बिना किसी प्रचार के बहुत सारी समस्याओं को हल किया है.
3. गुजरात के 5वें पाटीदार मुख्यमंत्री
इन भाजपा नेता ने राज्य में पाटीदार समुदाय को प्रभावित किया है, जिसमें भूपेंद्र पटेल से पहले मुख्यमंत्री पद पर चार प्रतिनिधि थे जिनमें आनंदीबेन पटेल, केशुभाई पटेल (Keshubhai Patel), बाबूभाई पटेल (Babubhai Patel) और चिमनभाई पटेल (Chimanbhai Patel) शामिल थे. आपको बता दें, कि वह गुजरात के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले कड़वा पटेल थे.
4. आंदोलन के अनुयायी
प्यार से 'दादा' कहे जाने वाले पटेल दादा भगवान (Dada Bhagwan) द्वारा स्थापित अक्रम विज्ञान (Akram Vigyan) आंदोलन के अनुयायी हैं. यह एक धार्मिक आंदोलन है जिसने जैन धर्म से प्रेरणा प्राप्त की थी.
5. अच्छा रिकॉर्ड
भूपेंद्र पटेल उन गिने-चुने राजनेताओं में से एक हैं, जिन्हें उनके साफ-सुथरे रिकॉर्ड के लिए सराहा जाता है. उनका कंस्ट्रक्शन का कारोबार भी है और साल 2017 में विधायक बनने तक वह अपने साइट ऑफिस से ही काम चलाते थे.
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