Narendra Modi Speech: देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने लगाया ‘वोकल फॉर लोकल’ का नारा

Narendra Modi Speech: देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने लगाया ‘वोकल फॉर लोकल’ का नारा

प्रधानमंत्री Narendra Modi ने आज, देश में 100 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य पूरा होने पर राष्ट्र को संबोधित किया. कोरोनाकाल के 19 महीनों में ये प्रधानमंत्री का 10वां संबोधन है. आपको बता दें, कि भारत ने कल 21 अक्टूबर को Covid-19 के 100 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य पूरा किया है. इस खास मौके पर प्रधानमंत्री ने आज 20 मिनट तक देश को संबोधित किया. 

प्रधानमंत्री ने अपना संबोधन एक वेद श्लोक से शुरू किया. उन्होंने कहा, कि "वेद श्लोक को भारत के संदर्भ में देखें, तो हमारे देश ने एक तरफ़ कर्तव्य का पालन किया है, तो उसे बड़ी सफलता भी मिली. कल भारत ने 100 करोड़ टीकाकरण का कठिन लक्ष्य प्राप्त किया है. इस उपलब्धि में 130 करोड़ भारतीयों की कर्तव्य शक्ति लगी है."

20 मिनट के संबोधन में Narendra Modi ने की ये मुख्य बातें

1. दुनिया को दिया जवाब 

प्रधानमंत्री ने कहा, कि "भारत की इस उपलब्धि की दुनियाभर में सराहना हो रही है. लेकिन इस विश्लेषण में एक बात छूट जाती है, जो है दुनिया के लिए टीके खोजना और दुनिया की मदद करना. इसमें विदेशी देशों की महारत है. हम उनके बनाए टीके का इस्तेमाल करते रहे. जब भारत में सदी की सबसे बड़ी महामारी आई, तो सवाल उठा की भारत कैसे लड़ेगा? टीके के पैसे कहां से आएंगे? इतने लोगों को टीके लगाना कैसे संभव होगा? लेकिन भारत ने 100 करोड़ टीके के डोज़ लगाकर, हर सवाल का जवाब दे दिया."

2. वैज्ञानिक फार्मूले पर हुआ काम

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, कि "भारत का टीकाकरण, विज्ञान की कोख से जन्मा है. ये गर्व की बात है, कि पूरे अभियान में हर जगह, विज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण शामिल रहा है. देश के हर कोने में टीकाकरण अभियान, पहुंचाया गया है. किस इलाके में कैसे और कितने टीके पहुंचाने हैं, इसके लिए वैज्ञानिक फार्मूले पर काम हुआ है." 

3. टीके को लेकर किसी के साथ भेदभाव नहीं 

प्रधानमंत्री ने कहा, कि "कोरोना महामारी के बीच, देश का एक ही मंत्र रहा रहा है. अगर बीमारी भेदभाव नहीं करती, तो टीके में भी भेदभाव नहीं हो सकता. इसलिए ये सुनिश्चित किया गया है, कि टीकाकरण अभियान में कोई वीआईपी संस्कृति हावी ना हो."

साथ ही प्रधानमंत्री ने 'वोकल फॉर लोकल' का नारा देते हुए कहा, कि "देश में पहले जो चीज़े इस्तेमाल होती थी, वे अक्सर दूसरे देशों में बनी होती थी. लेकिन जैसे स्वच्छ भारत अभियान, एक जन आंदोलन है, वैसे ही भारत में बनी और भारतीय द्वारा बनी चीज़ खरीदना और वोकल फाॅर लोकल होना, ये सब हमें व्यवहार में लाना होगा."

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