
सोमवार से Odisha में 9 दिनों तक चलने वाले महापर्व, भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू हुई है. सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए पुरी में दो दिवसीय कर्फ्यू लगाया गया है. साथ ही 65 पुलिस बल दस्ते तैनात किये गए है. IGP उतरी रेंज, नरसिंह भोल ने मीडिया से बात करते हुए कहा "रथ यात्रा से पूर्व, पुरी में 11 जुलाई रात 8 बजे से, 13 जुलाई रात 8 बजे तक कर्फ्यू लगाया जायेगा. वहीं अलग अलग जगह पर पुलिस बल के 65 दस्ते तैनात किये गए है. रथ यात्रा में भक्तों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है.
जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक, कृष्ण कुमार ने जानकारी दी कि रथ यात्रा को लेकर सारी तैयारियां पूर्ण हो चुकी है, सिंह द्वार पर रथ पहुंच चुके हैं, और आगे की तैयारियां जारी हैं.
कुमार ने बताया की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा रथ यात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ मंदिर के लेजर स्कैंनिंग करने की अनुमति मांगी गई थी. मंदिर प्रशासन ने जांच कर सभी हितों को ध्यान देते हुए, मंदिर के गृभगृह को छोड़कर सभी हिस्सों के लिए लेज़र स्कैंनिंग की अनुमति दी है. मंदिर की लेज़र स्कैनिंग कर मरम्मत कार्य किया जा सकता है.
रथ यात्रा के संचालन में शामिल सभी लोगो का कोविड-19 RT-PCR टेस्ट किया गया है. सिर्फ उन लोगों को ही अनुमति दी गई है, जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव है, कुमार ने कहा.
लगातार दूसरे वर्ष भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में भक्तों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है. दरअसल कोरोना महामारी की वजह से भक्तों को समारोह में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट द्वारा रथ यात्रा को लेकर दिशानिर्देश जारी किये गए थे. इस साल भी उन नियमों का पालन किया जा रहा है. प्रत्येक रथ को 500 से अधिक व्यक्तियों द्वारा नहीं खींचा जायेगा. वहीं पूरी तरह से टीकाकरण करने वाले सेवकों को ही रथ खींचने की अनुमति दी गई है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाये एवं बधाई दी है.
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