
पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत में Dengue का कहर देखने को मिल रहा है. वहीं भारत के बहुत से राज्यों में इस बुखार की वजह से कई मौतें भी देखने को मिली. इस पर ICMR के महानिदेशक, डॉ बलराम भार्गव ने गुरुवार को कहा कि मथुरा, आगरा और फिरोज़ाबाद में अधिकांश मौतें D2 स्ट्रेन के कारण होने वाले Dengue बुखार से हुईं, जो घातक रक्तस्राव का कारण बन सकता है.
इसके अलावा नीति आयोग के सदस्य, डॉ वीके पॉल ने लोगों से वेक्टर से होने वाली (Vector Borne Disease) बीमारियों के खिलाफ सुरक्षात्मक उपाय करने का आग्रह किया. उन्होनें बताया की Dengue बुखार जानलेवा भी बन सकता है. हमारे पास इसका टीका भी नहीं है, इसलिए इसे गंभीर रूप से लेना महत्वपूर्ण है. इसलिए जितना हो सके मच्छर भगाने वाली दवाइयों तथा मच्छरदानी का उपयोग करके खुद को मच्छरों के डंक से बचाएं. इस बीमारी से जटिलताएं पैदा होती हैं और मलेरिया का भी बुरा प्रभाव पड़ता है. हमें इस बीमारी से लड़ना होगा."
विशेषज्ञों के अनुसार, यह Dengue वायरस Serotype 2 (DENV-2 या D2) को सबसे अधिक विषैला स्ट्रेन माना जाता है, जो बीमारी की गंभीरता का कारण बन सकता है. वहीं हाल ही में एक केंद्रीय दल ने फिरोज़ाबाद ज़िले का दौरा किया था. जहां उन्होंने पाया कि अधिकांश मौत के मामले Dengue के कारण ही आए हैं, जबकि कुछ स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस के कारण हुए हैं. उनको वेक्टर सूचकांकों का हाउस इंडेक्स और कंटेनर इंडेक्स काफी ज़्यादा मिला है. जो अपने आप में गंभीर विषय है.
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र ने अगले 14 दिनों के लिए ज़िले में दो महामारी खुफिया सेवा (EIS ) अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है. जो इसके प्रकोप की प्रतिक्रिया को मज़बूत करने में प्रशासन की सहायता करेंगे.