
'Surjeet Lodhi', इस नाम से आज देश के लगभग सभी लोग परिचित हैं. कहते हैं कि वीरता कभी उम्र देखकर नहीं आती है. इस बात को 17 साल के Surjeet Lodhi ने सच कर दिखाया है. इस लड़के ने महज 13 साल की उम्र में बाल मजदूरी के खिलाफ अपनी आवाज उठाई. अब Surjeet को अपने इस काम के लिए साल 2021 के Diana Award से भी सम्मानित किया गया है.
Surjeet Lodhi, मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के रहने वाले हैं. 17 वर्षीय इस लड़के ने 120 से ज्यादा बच्चों को, बाल मजदूरी से छुड़ा कर शिक्षा ग्रहण करने का मौका दिया है. सुरजीत के गांव के सभी पुरुष अपनी सारी कमाई शराब पर खर्च कर देते थे. वहीं महिलाएं भी यहां घरेलू हिंसा का शिकार होती थीं. इस लड़के ने ग्राम पंचायत के साथ मिलकर अपने गांव की 5 शराब की दुकानों को बंद करवाया. सुरजीत के खुद के पिता भी उसके और उसकी मां के साथ यही व्यवहार करते थे.
गौरतलब है , कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के एक प्रोग्राम, बाल मित्र ग्राम की सहायता से Surjeet Lodhi ने एक जागरूकता अभियान शुरू किया. करीब 410 लोगों के घर–घर जाकर उन्होंने सबको बाल मजदूरी और मद्यप्ता के खिलाफ जागरूक करने का प्रयास किया. भिलाई और साहवा गांव की कई महिलाओं और बच्चों ने भी इस अभियान में साथ दिया. दो साल की कड़ी मेहनत के बाद, आखिर 2019 में उस गांव के सभी शराब की दुकानों को बंद कर दिया गया.
इसके अलावा, March 2020 से शुरू हुए लॉकडाउन में भी, Surjeet Lodhi और उसके साथियों ने गांव में Covid-19 बीमारी से बचने के लिए लोगों को जागरूक किया. इस महामारी के समय गांव में किसी को भी अनाज का अभाव न हो, इसके लिए उन्होंने कई कदम उठाए.
बाल मित्र ग्राम के कार्यकारी निदेशक P. Nagasayee Malathy ने सुरजीत को बधाई देते हुए कहा," हमें Surjeet Lodhi पर बहुत गर्व है. इस छोटी सी उम्र में घरेलू हिंसा व बाल मजदूरी जैसे विषयों पर इतना बड़ा काम कर पाना सरहनीय है. उसने सिर्फ अपनी मां की ही नहीं, बल्कि गांव की कई महिलाओं की मदद की है. हमारे बाल मित्र ग्राम के कई बच्चों के लिए वह एक उदाहरण है."
आपकी जानकारी के लिए बता दे, कि Diana Award वेल्स की राजकुमारी डायना की स्मृति में शुरू किया गया था. यह सम्मान 9 से 25 साल के उन लोगों को मिलता है, जिन्होंने कम उम्र में साहस दिखा कर समाज कल्याण का कोई काम किया है. Surjeet Lodhi को यह सम्मान वर्चुअली दिया गया है.