भारतीय कंपनियां अपने कर्मचारियों की मदद के लिए आगे आईं
कर्मचारियों को मानसिक और आर्थिक रूप से पहुंचा रहीं राहत
कोरोना संकट ने भारतीय लोगों की शारीरिक स्थिति के साथ साथ, आर्थिक और मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव डाला है। लाखों लोग प्रतिदिन, स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जूझते दिख रहे हैं। ऐसे में, भारतीय कंपनियां अपने कर्मचारियों को न केवल मानसिक, बल्कि आर्थिक रूप से भी राहत पहुंचाने का काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम, इलाज के लिए ब्याज रहित लोन, शिक्षा के लिए लोन और पेड लीव जैसे तमाम इंतजाम किए हैं। इतना ही नहीं, ये कंपनियां अपने कर्मचारियों और उनके परिवार के लिए टीकाकरण केंद्र की भी व्यवस्था कर रही हैं।
पिछले दिनों, ग्लासवेयर निर्माण कंपनी, बोरोसिल के प्रबंध निदेशक, श्रीवर खेरुका ने लिंक्ड इन पर एक मार्मिक और प्रेरणादायक संदेश साझा किया। बोरोसिल के चार कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई थी। ऐसे में श्रीवर खेरूका ने, चारों कर्मचारियों के परिवारों को दो साल तक वेतन देने का वादा किया, साथ ही, इन कर्मचारियों के बच्चों की स्नातक तक की पढ़ाई का खर्च वहन करने की भी घोषणा की है। साथ ही उन्होंने कहा, कि हमें ऐसे समय में लोगों की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए।
श्रीवर खेरुका से प्रेरणा लेते माइंडफायर सॉल्यूशंस के सी ई ओ चिन्मय पांडा ने भी ऐसी ही मिली जुली घोषणा की है। उन्होंने कहा है, कि उनकी कंपनी का कोई भी कर्मचारी ब्याज रहित लोन के लिए आवेदन कर सकता है। अगर किसी कर्मचारी की दुर्भाग्यवश कोरोना से मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को छह महीने तक पूरा वेतन और अगले छह महीने के लिए आधा वेतन दिया जाएगा। साथ ही, उसके बच्चों की शिक्षा का खर्च भी वहन किया जाएगा।
इसके अलावा, टी सी एस, इंफोसिस और विप्रो जैसी बड़ी कंपनियां भी, अपने कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर राहत पहुंचाने का काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने इलाज के लिए आर्थिक मदद, पेड लीव और वर्क फ्रॉम होम जैसे प्रावधान किए हैं।