
पहले सिख श्री गुरु गुरु नानक की जयंती, आगामी गुरपुरब से पहले भारत सरकार ने जल्द ही पाकिस्तान के साथ, Kartarpur Corridor को फिर से खोलने की तैयारी कर ली है. वहीं रविवार को प्रधानमंत्री, Narendra Modi के साथ पंजाब के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है. हालांकि, सिख तीर्थयात्रियों को अटारी-वाघा सीमा के रास्ते करतारपुर गुरुद्वारे की यात्रा करने की अनुमति पहले ही दी जा चुकी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले सप्ताह भारत सरकार ने Kartarpur Corridor को फिर से खोलने का आग्रह किया था. मगर आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि पाकिस्तान सरकार ने इस साल दो बार सिख तीर्थयात्रियों को देश की यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. फिर भी केंद्र सरकार द्वारा उम्मीद जताई जा रही थी, कि पाकिस्तान गुरूपपुरब के अवसर पर यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा. वहीं पाकिस्तान ने ये घोषणा की है, कि वह गुरु नानक देव की 552वीं जयंती की पूर्व संध्या पर 3000 भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को, Kartarpur Corridor के माध्यम से करतारपुर गुरुद्वारे में जाने की अनुमति दे रहा है. मिली जानकारियों के अनुसार, Kartarpur Corridor का उद्घाटन वर्ष 2019 में किया गया था. मगर पिछले वर्ष, मार्च में Covid-19 के महामारी के दौरान इसे बंद कर दिया गया था.
Kartarpur Corridor को फिर से खोलने का फैसला ऐसे समय में किया गया है, जब पंजाब में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं. गुरुपुरब के महत्व का हवाला देते हुए, केंद्र सरकार ने हाल ही में फैसला किया था. सरकार ने साथ ही इस बात की घोषणा भी की थी, कि लगभग 1500 तीर्थयात्रियों के एक 'जत्थे' को अटारी-वाघा इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के माध्यम से, 17-26 नवंबर 2021 के बीच पाकिस्तान जाने की अनुमति दी जाएगी.
इस मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता Anurag Srivastava ने कहा है, कि "Kartarpur Corridor को फिर से खोलने पर फैसला, Covid-19 के नियमों और प्रतिबंधों में ढील के अनुसार लिया जाएगा. ये सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का अंतिम विश्राम स्थल है, जिन्होंने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष करतारपुर में बिताए थे".