
भारत पूरे विश्व में अपने इतिहास और संस्क्रति के लिए जाना जाता है. वहीं इस समय देश के ऐतिहासिक मंदिरों को एक नई पहचान दी जा रही है. इसी को आगे बढ़ाते हुए, World Heritage Sites 2022-23 की सूची के लिए, कर्नाटक के प्राचीन Hoysala Temple को नामांकित किया गया है. इसकी जानकारी, Union Ministry of Culture द्वारा दी गई है.
कर्नाटक के प्राचीन Hoysala Temple के पवित्र स्मारक 15 अप्रैल, 2014 से United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization (UNESCO) की संभावित सूची में शामिल हैं. इसमें देश की समृद्ध एतिहासिक संस्कृति की पहचान साफ दिखाई देती है. UNESCO में मंदिर के नामांकन को भारत के स्थायी प्रतिनिधि, Vishal V Sharma द्वारा सौंपा गया था. उन्होंने Hoysala Temple का नामांकन, UNESCO के निदेशक Lazare Eloundou Assomo को सौंपा था.
UNESCO में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि Vishal V Sharma ने कहा, कि “भारत को UNESCO की World Heritage Sites की सूची के लिए, Hoysala Temple को नामांकित करने पर गर्व है. एशियाई कला की उत्कृष्ट कृतियों में से एक होने के लिए, इस मन्दिर को असाधारण मूर्तिकला कलात्मकता के लिए भी पहचाना जाता है."
भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की रक्षा में, प्रधानमंत्री Narendra Modi के प्रयासों के बारे में बात करते हुए G Kishan Reddy ने कहा, कि "प्रधानमंत्री Narendra Modi के नेतृत्व में सरकार विकास और विरासत दोनों के लिए प्रतिबद्ध है. विरासत की रक्षा करने के हमारे प्रयास इस बात से स्पष्ट हैं, कि सरकार हमारी मूर्त और अमूर्त विरासत को अंकित करने में लगी है. इसके साथ ही, सरकार उस सांस्कृतिक विरासत को भी वापस ला रही है, जिसे भारत से चुराया गया था या ले जाया गया था."
Hoysala Temple का निर्माण, 12वीं-13वीं शताब्दी में किया गया था. यह मंदिर बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा के 3 घटकों द्वारा दर्शाए गए हैं. ये मंदिर, उन होयसला कलाकारों और वास्तुकारों की रचनात्मकता व कौशल को भी प्रमाणित करते हैं, जिन्होंने इन अनूठी उत्कृष्ट कृतियों का निर्माण किया था.