
अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की पहली महिला, कल्पना चावला (Kalpana Chawla) की आज 60वीं जयंती है. वर्ष 1962 में हरियाणा के करनाल में पैदा हुईं कल्पना, महज़ 20 साल की उम्र में अमेरिका चली गई थीं और दो साल बाद, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering) में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की थी. कल्पना चावला केवल महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि वो पूरे भारतवर्ष के लिए प्रेरणास्तोत्र हैं.
1. साल 1995 में कल्पना चावला नासा में अंतरिक्ष यात्री के तौर पर शामिल हुईं और साल 1998 में, उन्हें अपनी पहली उड़ान के लिए चुना गया. आपको बता दें, कि पहली यात्रा के दौरान, उन्होंने अंतरिक्ष में 372 घंटे बिताए और पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं पूरी की और वह अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला बन गई थी.
2. साल 1962 में हरियाणा के करनाल में जन्मी कल्पना चावला को कविताओं का भी शौक था. आपको बता दें, कि 12 मई 2004 को अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने कल्पना चावला की स्मृति को सम्मानित करने के लिए एक सुपर कंप्यूटर समर्पित किया था.
3. कल्पना चावला को उनके योगदान के लिए भारत सरकार और अमेरिकी सरकार दोनों से मरणोपरांत कई पदक, पुरस्कार और मान्यता मिली है. इसमें काँग्रेशनल अंतरिक्ष पदक, नासा अंतरिक्ष उड़ान पदक, नासा विशिष्ट सेवा पदक शामिल है.
4. कल्पना चावला के साथ 6 अन्य चालक दल के सदस्यों की एसटीएस (STS)-107 की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मृत्यु हो गई, जिसके बाद स्पेस शटल कोलंबिया का मिशन कई वर्षों तक रुका रहा. कल्पना चावला ने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री, इन्द्र कुमार गुजराल (Inder Kumar Gujral) से बात करते हुए अंतरिक्ष से खींची गई हिमालय की तस्वीरें दिखाईं थीं.
5. आपको बता दें, कि उनके निधन के बाद उनके सम्मान में कई विश्वविद्यालयों, छात्रवृत्ति और यहां तक की सड़कों का नाम भी उनके नाम पर रखा गया है. कल्पना चावला बचपन से ही हवाई जहाज़ और आसमान में उड़ने को लेकर रोमांच से भरी रहती थी. वह अपने पिता के साथ स्थानीय फ्लाइंग क्लब में भी जाती थीं.
6. गौरतलब है, कि कल्पना चावला की आखिरी इच्छा के तौर पर उनका अंतिम संस्कार अमेरिका के उटाह के सियोन नेशनल पार्क में किया गया था और वहीं उन्हें अंतिम विदाई दी गई थी. अमेरिका में स्थित एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी नॉर्थ्रप ग्रुम्मन (Northrop Grumman) ने अपने स्पेसशिप का नाम कल्पना चावला रखा है.