
बुरे वक्त की खासियत यही है, कि वो गुज़र जाता है. आज इस बात का साक्ष्य प्रस्तुत किया ITC ने, जो कमज़ोर वक्त से गुज़र कर इस वक्त भारत की बड़ी कंपनियों में शुमार है. अपने लक्ष्य की ओर स्पष्ट ITC समय के साथ ऐसे कदम मिलाकर चली कि, तंबाकू उत्पादन वाली ये कंपनी, आज आटे से लेकर क्लासमेट की नोटबुक तक बनाती है.
बहुत कम लोग यह जानते हैं कि, ITC का पूरा नाम Imperial Tobacco Company है. जो वर्ष 1910 में एक ब्रिटिश कंपनी हुआ करती थी. फिर वर्ष 1970 में यह Indian Tobacco Company Limited से जानी गई और आज की तारीख में ITC Ltd. कहलाती है. मगर आज भी कंपनी में 30% हिस्सेदारी, विदेशी संस्थानों की है.
वर्ष 1996 में ITC के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी रहे Y C Deveshwar को, ITC का तारणहार कहा जाता है. तंबाकू और सिगरेट की बंदिशों से निकलकर, कंपनी के उत्पादों को इन्होंने घर-घर इस्तेमाल होने वाला नाम बनाया. आर्थिक रूप से कमज़ोर पड़ी कंपनी को Deveshwar ने तब सहारा दिया, जब कारोबार में चल रहे सभी प्रयोग विफल हो रहे थे. इनके द्वारा वर्ष 2000 में शुरू हुए ई-चौपाल के माॅडल को Harvard Business School ने केस स्टडी के तौर पर पाठ्यक्रम में शामिल किया था.
1. ई-चौपाल : ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू हुई इस पहल से किसानों की ज़िंदगी में अहम बदलाव नज़र आया. इसके माध्यम से किसान अपने उत्पादों को इंटरनेट तक ला पाए और उस पर काम किया गया. कृषि विपणन में यह पहली और शानदार पहल मानी जाती है.
2. तंबाकू को बनाया विकल्प : मुख्य रूप से तंबाकू और सिगरेट के क्षेत्र में काम कर रही ITC को विस्तार मिला, रोज़मर्रा के उत्पादों से. कंपनी Ashirwad, Sunfeast, Fiama, Vivel, Mangaldeep, Yippee Noodles, Classmate Notebooks तक के रोज़मर्रा के उत्पादों पर काम करती है. जानकारी के लिए बता दें, कि कंपनी का सिगरेट ब्रांड पर राज है. ये Gold Flake से लेकर 10 से भी ज़्यादा सिगरेट ब्रांड की बाज़ार में मुख्य खिलाड़ी है, जो फिलहाल अपनी पहचान तंबाकू उत्पादन से हटाकर, आम दिनचर्या वाली चीज़ों तक ले गई.
3. IT इंडस्ट्री में कदम : आज IT का पर्याय बन चुकी ITC, वर्ष 2000 में इस क्षेत्र से जुड़ी थी. जिसे लोग ITC Infotech India के नाम से जानते हैं. सरकारी से लेकर गैर-सरकारी तक के काम कर रही कंपनी को हाल ही में भारत सरकार द्वारा Income Tax पोर्टल को सुदृढ़ करने की भी ज़िम्मेदारी मिली है.
आधार | कार्य और उपलब्धि | |
1. | 1910-2021 | साल 1925 में पैकैजिंग और प्रिनटिंग से शुरू हुआ सफर, साल 1975 तक होटल और हाॅस्पिटेलिटी क्षेत्र तक पहुंचा. जिसके बाद, वर्ष 1975 में कंपनी ने नेपाल के साथ कारोबार को बढ़ावा दिया. इसी क्रम में ITC वर्ष 1990-2000 के बीच किसानों और PaperKraft जैसे क्षेत्रों में भी सक्रिय रहा. मगर कंपनी को रफ़्तार दी वर्ष 2001- 2021 तक के विस्तार कार्यक्रम ने. जहां Lifestyle से लेकर अगरबत्ती, IT से लेकर परफ्यूम तक में, कंपनी ने बाज़ार में अपने पैर जमाए. |
2. | FMCG | Fast Moving Consumer Goods (FMCG) के अंतर्गत वो कंपनियां आती हैं, जो आम ज़रूरत की वस्तुओं का उत्पादन या निर्माण करती हैं. इस श्रेणी में ITC एक अहम नाम है. कंपनी व्यक्तिगत से लेकर खाद्य उत्पादन तक में मशहूर है. वित्तीय वर्ष 2021-2022 की जून तिमाही में कंपनी की आय पिछले वर्ष की इसी तिमाही से 23.68% तक बढ़ी नज़र आई. जो ये समझने के लिए काफी है, कि कंपनी आज के समय में लगभग हर घर पहुंचने में कामयाब है. |
3. | सिगरेट और तंबाकू | शुरुआती बिज़नेस का आधार रही सिगरेट और तंबाकू, तमाम पाबंदियों के बाद भी कंपनी की आय का बड़ा श्रोत है. इनके माध्यम से कंपनी की आय पर कम से कम 30% की वृद्धि होती है. साथ भी, यह सालाना टर्नओवर पर भी असर करती है. |
4. | शेयर बाज़ार | वर्ष 1995 में BSE और NSE पर सूचीबद्ध ITC का शेयर बाज़ार में प्रदर्शन काफी शानदार रहा है. सिर्फ बीते 3 दिन की ही बात करें, तो भी कंपनी के स्टाॅक्स निवेशकों को मालामाल करने में कामयाब रहे. |
5. | रोज़गार | वर्तमान समय में 36,500 से ज़्यादा कर्मचारियों के साथ काम कर रही ITC, रोज़गार उपलब्ध कराने में भी अव्वल है. कंपनी हर साल, देश-विदेश में हज़ारों लोगों को रोज़गार देने में सक्षम है. साथ ही, कंपनी के लगातार विस्तार के कारण आज भारत में ये कंपनी एक संपत्ति बन चुकी है. |
शेयर बाज़ार से लेकर टाॅप बिज़नेस की बुलंदियों पर बैठी ITC, वर्ष 2030 तक 1 लाख करोड़ रुपये की आय हासिल करने के लिए कदम बढ़ा रही है. होटल, खाद्य पदार्थ, IT और यहां तक कि कपड़े तक के क्षेत्र में काम कर रही ITC का अगला लक्ष्य, बाज़ार नेतृत्व की ओर है.